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नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। दक्षिण पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो सुनियोजित तरीके से लोगों को ठग रहा था। गिरोह के सदस्य खुद को एक्सिस बैंक का कर्मचारी बताकर लोगों से उनके क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारी और ओटीपी प्राप्त कर हजारों-लाखों की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके साथ गिरोह में एक महिला भी शामिल थी। पुलिस ने आरोपितों के पास से बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, बैंक दस्तावेज़, फर्जी कंपनियों की मुहरें और क्यूआर कोड स्कैनर बरामद किए हैं।
दक्षिण पश्चिम जिले के डीसीपी अमित गोयल के अनुसार 20 जून को साइबर थाने में एक शिकायत प्राप्त हुई। जिसमें पालम कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसे एक कॉल आया जिसमें कॉल करने वाला खुद को एक्सिस बैंक का कर्मचारी बता रहा था। उसने पीड़ित को उसके खाते की कुछ निजी जानकारी देकर विश्वास में लिया और रिवॉर्ड पॉइंट रिडेम्प्शन के नाम पर क्रेडिट कार्ड का ओटीपी प्राप्त कर लिया।
इसके बाद पीड़ित के एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से 96,000 हजार की ठगी कर ली गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में पुलिस टीम ने जांच शुरु की। टीम ने गहन तकनीकी निगरानी, कॉल डिटेल ,बैंक की जानकारी, एटीएम में लगे सीसीटीवी फुटेज और नोब्रोकर एप की ट्रांजैक्शन रिपोर्ट का विश्लेषण किया। एटीएम फुटेज में एक चेहरे पर नकाब लगाए युवक को पैसे निकालते देखा गया। जिसके आधार पर संदिग्धों की पहचान शुरू हुई।
डीसीपी के अनुसार तकनीकी जानकारी के आधार पर टीम ने मोहान गार्डन, उत्तम नगर स्थित एक किराए के मकान पर छापा मारा। जहां से तीन आरोपित अतुल कुमार, सन्नी कुमार सिंह और कौशल कुमार काे दबाेचा। यह मकान गिरोह ने ही फर्जी बैंक खाता खोलने और साइबर ठगी के संचालन हेतु किराए पर लिया था।
पूछताछ में आरोपित अतुल कुमार ने बताया कि उसे उसके परिचित सन्नी कुमार सिंह ने कौशल कुमार से मिलवाया। कौशल कुमार पहले कई प्राइवेट बैंकों में काम कर चुका है और बैंक खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया में पारंगत है। उसने अतुल के नाम से फर्जी कंपनी बनवायी ताकि वर्तमान खाता खोला जा सके।
कौशल कुमार ने साइबर अपराधियों को ऐसे कई फर्जी खाते और किट उपलब्ध कराए। उसने मोहन गार्डन में किराए पर ऑफिस लेकर खाता खोलने का पूरा धंधा शुरू किया था। वहीं पकड़ा गया चौथा आरोपित मोहम्मद अहमद पहले कॉल सेंटर में काम करता था, ठगी का मुख्य साजिशकर्ता निकला। वह पीड़ितों को कॉल कर खुद को बैंक अधिकारी बताकर धोखा देता था। उसने स्वीकार किया कि वह रिवॉर्ड पॉइंट और क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के झांसे में लोगों से कार्ड नंबर ओटीपी लेकर पैसा उड़ाता था। उसने ठगी की रकम को नोब्रोकर ऐप के जरिए म्यूल खातों में ट्रांसफर किया। इन खातों की व्यवस्था आरोपित महिला करती थी। इनमें पकड़ी गई पांचवी आरोपित महिला ज्याति पहले इसी के साथ कॉल सेंटर में काम कर चुकी थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी