एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन की सूचना पर देह व्यापार में धकेली गई बच्ची को कराया मुक्त
देह व्यापार में धकेली गई बच्ची को कराया मुक्त, छापेमारी के दाैरान की फाेटाे


नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। द्वारका जिले के माेहन गार्डन थाना पुलिस ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन की सूचना पर जबरन देह व्यापार के दलदल में धकेली गई 16 साल की एक नाबालिग बच्ची को मुक्त कराया है। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि उसे तकरीबन साल भर पहले इस धंधे में धकेल दिया गया। पीड़ित बच्ची ने बताया कि रोजाना 8 से 10 लोग उसका शोषण करते थे । पुलिस ने मामला दर्ज कर एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य संदिग्धों के बारे में तहकीकात कर रही है।

एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) के निदेशक मनीष शर्मा ने बताया, “हमारी टीम खुद को ग्राहक की तरह पेश करते हुए गिरोह तक पहुंची थी। हमें उनका भरोसा जीतने में एक करीब महीना लगा। काफी सौदेबाजी के बाद हमने आरोपित को ऑनलाइन पेमेंट किया लेकिन इसके बाद उसने तुरंत अपना ठिकाना बदल लिया। आखिर में उसने हमें द्वारका बुलाया। हमारी टीम ने तत्काल द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह को इस बाबत जानकारी दी। डीसीपी ने तुरंत अपनी टीम को सूचित किया और छापे की तैयारी की।”

मनीष शर्मा ने बताया कि आरोपित ने आखिरी वक्त पर फिर अपना ठिकाना बदल लिया और उन्हें द्वारका के पास मोहन गार्डन के एक फ्लैट में बुलाया। डीसीपी ने मोहन गार्डन थाने की पुलिस से बात कर यह सुनिश्चित किया कि छापे में कोई अड़चन नहीं आए। चार अगस्त को मौके पर पहुंचने पर हमारी टीम को वहां से शराब की खाली बोतलें, दर्द निवारक दवाइयां, कुछ एंटी बायोटिक और यौन संक्रमण के इलाज में काम आने वाली कुछ दवाइयां मिलीं। पुलिस ने मकान से इब्राहिम नाम के एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह अकेला नहीं है बल्कि उसके पीछे एक पूरा गिरोह है।

शर्मा ने बताया कि शोषण के शिकार ज्यादातर बच्चे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के हैं। इन बच्चों को ट्रैफिकिंग के जरिए महानगरों मे लाया जाता है जहां उन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता है।

घटना की कहानी पीड़ित बच्ची की जुबानी

बच्ची ने पूछताछ में बताया, “सहेली ने मुझे एक भईया से मिलवाया जिन्होंने मुझे ढेर सारे पैसे कमाने के सपने दिखाए। तब मुझे समझ में नहीं आया कि मुझे किस दलदल में धकेला जा रहा है। जैसे ही मुझे समझ में आया, मैंने इससे बाहर निकलने की कोशिश की। लेकिन उन लोगों ने चुपके से रिकॉर्ड किए गए वीडियो दिखाकर मुझे मुंह बंद रखने की धमकी दी।”

बच्ची ने बताया कि उनकी मां की साल भर पहले मौत हो गई थी। वह अपने पिता के साथ रहती है जिन्हें शराब पीने की लत है। बच्ची से जब पूछा गया कि क्या उसके पिता इस बारे में कुछ जानते हैं तो उसने ना में सिर हिलाया। उसने कहा, “उन्हें कुछ नहीं पता। मैंने उन्हें बता रखा था कि मैं एक काल सेंटर में काम करती हूं जहां रात को ड्यूटी होती है।”

आगे बच्ची ने बताया कि वह हर रोज शाम पांच बजे घर से निकलती थी और ग्राहकों के साथ रात बिताने के बाद सुबह 5-6 बजे लौटती थी। इस काम में उसे कोई छुट्टी नहीं मिलती थी और उसे रोजाना पांच से दस लोग उसके साथ गलत काम करते थे।

पीड़ित बच्ची ने बताया कि दर्द की शिकायत करने पर उसे दर्द निवारक गोलियां दी जाती थीं और फिर ग्राहकों के पास भेज दिया जाता था। इस काम के लिए उसे 500 रुपये दिए जाते थे लेकिन ये पैसे भी उसे कभी-कभार और मांगने पर ही मिलते थे। जब उसने खुद को छोड़ देने की विनती की तो ट्रैफिकिंग गिरोह के सदस्य उसे उसके रिकॉर्ड किए गए वीडियो दिखाकर धमकाते थे कि अगर उसने इस काम से मना करने या भागने की कोशिश की तो इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी