कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को अभिषेक बनर्जी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोका
शुभेंदु अधिकारी


कोलकाता, 05 अगस्त (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की राजनीति में जारी तीखी बयानबाजी पर रोक लगाते हुए कोलकाता की एक अदालत ने विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ किसी भी प्रकार के मानहानिकारक बयान देने से फिलहाल रोक दिया है। अदालत का यह अंतरिम आदेश 19 अगस्त तक प्रभावी रहेगा।

यह निर्देश अलीपुर स्थित 8वीं अदालत के सिविल जज ने मंगलवार को सुनाया। मामला अभिषेक बनर्जी द्वारा दायर एक नागरिक मानहानि वाद से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि शुभेंदु अधिकारी ने 26 जुलाई को कोलकाता स्थित भाजपा दफ्तर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके खिलाफ कई अपमानजनक और झूठे आरोप लगाए। बनर्जी ने अदालत से अनुरोध किया था कि अधिकारी को भविष्य में इस तरह के बयान देने से रोका जाए।

सुनवाई के दौरान बनर्जी के वकील ने दलील दी कि इस तरह के बयानों से उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है। अदालत ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई में माना कि बनर्जी के पास ट्रायल में जाने के लिए प्रारंभिक आधार मौजूद है। आदेश में कहा गया कि प्रतिवादी को मौखिक या लिखित रूप से, किसी भी माध्यम से, वादी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने, प्रकाशित करने या प्रकाशित करवाने से रोका जाता है।

अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि बनर्जी और अधिकारी दोनों ही सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठित हस्तियां हैं, लेकिन यह भी एक तथ्य है कि दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता लंबे समय से जारी है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 अगस्त तय की है, जिस दिन अंतरिम आदेश की अवधि भी समाप्त होगी।

गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं और ममता बनर्जी को नंदीग्राम विधानसभा चुनाव में हराकर राज्य की राजनीति में सुर्खियों में आए थे। दूसरी ओर, अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के दूसरे सबसे प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं। दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षों से तीखी राजनीतिक बयानबाजी चल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर