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जयपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पद की साल 2013-14 की पदोन्नति पर लगी अपनी 19 अप्रैल, 2023 की रोक को हटा लिया है। इसके साथ ही अदालत ने हैड कांस्टेबल के रिक्त पदों में से याचिकाकर्ताओं के लिए पद सुरक्षित रखने को कहा है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश तेजराम व अन्य की याचिका में राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा है कि यदि सरकार इस बात पर आश्वस्त है कि रिक्तियों का निर्धारण सही प्रकार से किया गया था और उसके पुनर्निधारण की जरूरत नहीं है तो राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत करने के लिए अतिरिक्त पदों को सृजित करने के लिए स्वतंत्र होगी।
प्रार्थना पत्र में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता भुवनेश शर्मा ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल, 2023 को एक पक्षीय सुनवाई करते हुए 27 मार्च, 2023 की पुलिस विभाग की साल 2013-14 की पदोन्नति सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अदालत ने पांच याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया था। इनमें से चार याचिकाओं को पूर्व में ही वापस लिया जा चुका है। एएजी ने कहा कि पदोन्नति सूची हाईकोर्ट के आदेश पालना में जारी की गई थी। वहीं मामले में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर 4 मई, 2024 को रिवाइज प्रमोशन लिस्ट जारी की गई। ऐसे में रिवाइज प्रमोशन लिस्ट को देखते हुए मामले में लगाई गई रोक को हटाया जाए। वहीं अदालत में उपस्थित पुलिस कमिश्नर की ओर से अदालत को बताया गया की याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखते हुए स्टे आदेश को संशोधित किया जा सकता है। दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि याचिकाकर्ता परीक्षा पास कर पदोन्नति के लिए पात्र हैं, लेकिन रिक्तियों की सही गणना नहीं होने से उन्हें पदोन्नत नहीं किया गया। इसके अलावा रिवाइज लिस्ट में भी सिर्फ 18 पद ही सृजित किए गए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखते हुए मामले में लगाई गई रोक को हटा लिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक