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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र जनकपुरी के विभिन्न छठ पूजा घाटों पर पहुंचकर व्रतधारी माताओं एवं श्रद्धालुओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहली बार इतने व्यापक स्तर पर छठ पर्व मनाया जा रहा है।
आशीष सूद ने कहा कि छठ पूजा केवल सूर्य देव की उपासना नहीं बल्कि मानव और प्रकृति के पवित्र रिश्ते का महा उत्सव है। यह पर्व अनुशासन, आस्था, स्वच्छता और सामूहिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा जनकपुरी क्षेत्र में इस वर्ष 31 से अधिक छठ घाटों का निर्माण कराया गया है, जो पिछले 27 वर्षो में कभी नहीं किया गया था। इन घाटों के बनने से श्रद्धालु सुरक्षित, स्वच्छ और शांत वातावरण में पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
मंत्री सूद ने वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं से भावनात्मक आह्वान किया कि बिहार के पटना, बक्सर, दीघा, भागलपुर, बेगूसराय, मोकामा, गया, सिवान जहां-जहां उनके परिवारजन रहते हैं वहां तक जनकपुरी से छठी मइया के जयकारों की गूंज सुनाई देनी चाहिए। तभी यह संदेश जाएगा कि इस बार दिल्ली के जनकपुरी में छठ पर्व आस्था, उल्लास और एकता के अभूतपूर्व भाव के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को यमुना के तटों पर 12 वर्षों बाद छठ मनाने की अनुमति देने के लिए हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा की यह हमारा पहला प्रयास है आने वाले वर्षों में हम इसे और भी भव्य और ऐतिहासिक रूप देंगे।
मंत्री सूद ने कहा कि लोकआस्था के इस महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज सभी व्रतधारी माताएं और श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। कल प्रातः सभी व्रतधारी उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी साधना पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हर धर्म और समुदाय के पर्वों को समान सम्मान और सहयोग के साथ मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। छठ पूजा जो दिल्ली के हजारों प्रवासी परिवारों की आस्था और भावनाओं से जुड़ा हुआ है, आज दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग बन चुका है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव