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जम्मू, 15 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू-कश्मीर के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव चाढक ने कहा कि जैसे सरकार अपने कर्मचारियों से हर वर्ष बिजली और पानी शुल्क जमा करने का प्रमाण पत्र मांगती है, वैसे ही अब उनसे अतिक्रमण-रहित प्रमाण पत्र भी अनिवार्य रूप से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा सुधार साबित होगा। चाढक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वन, राजस्व और अन्य सरकारी विभागों की जमीनों पर लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी से यह प्रमाण पत्र लिया जाए कि उनका आवास या निर्माण किसी सरकारी या संरक्षित भूमि पर नहीं है। इस सत्यापन की विधिवत जांच होनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
भाजपा नेता ने यह भी प्रस्ताव रखा कि चुनाव आयोग उम्मीदवारों से नामांकन पत्र के साथ बिजली-पानी भुगतान प्रमाण पत्र के अलावा “अतिक्रमण-रहित प्रमाण पत्र” भी मांगे। इससे प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर पारदर्शिता और नैतिकता को बढ़ावा मिलेगा। चाढक ने चेतावनी दी कि यदि अतिक्रमण पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले वर्षों में वन, जलाशय और राजस्व विभाग की भूमि का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अतिक्रमणकारियों को नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने मांग की कि जिन सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है, उनसे इसकी भरपाई उनके वेतन या सेवानिवृत्ति लाभ से की जाए जबकि नेताओं द्वारा कब्जाई गई भूमि की वसूली उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से हो। अंत में राजीव चाढक ने कहा कि यह व्यवस्था केवल जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि देशभर में लागू की जानी चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और नैतिक राजनीति की नई मिसाल कायम हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा