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भुवनेश्वर, 3 अगस्त (हि.स.)। ओडिशा के पुरी जिले के बलंगा में आग से बुरी तरह से झुलसी नाबालिग लड़की ने कई दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया। वह पिछले दो हफ्तों से जीवन के लिए संघर्ष कर रही थी। शनिवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर ओडिशा पुलिस ने कहा है कि उसकी जांच में इस घटना में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है।
ओडिशा पुलिस ने एक्स पर जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बलंगा घटना में पीड़ित लड़की की मौत की खबर सुनकर हमें गहरा दुख हुआ है। मामले की जांच पूरी गंभीरता से की गई है और यह अब अपने अंतिम चरण में है। पुलिस ने आगे स्पष्ट किया कि अब तक की जांच में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता का कोई प्रमाण नहीं मिला है। साथ ही अपील की कि जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी अपुष्ट खबर पर प्रतिक्रिया देने से बचें और संवेदनशीलता बनाए रखें।
उल्लेखनीय है कि घटना बलंगा के बयाबर गांव की है जहां कथित तौर पर 16 वर्षीय लड़की को आग लगा दी गई थी। आरोप है कि 19 जुलाई को लड़की का अपहरण कर अज्ञात लोगों ने उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी। आग की वजह से नाबालिग के शरीर का 75 प्रतिशत हिस्सा जल गया था। पहले उसे एम्स भुवनेश्वर में भर्ती किया गया था और फिर 20 जुलाई को उन्नत चिकित्सा के लिए एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया। कई सर्जरी और गहन उपचार के बावजूद उसकी हालत लगातार गंभीर बनी रही। शनिवार शाम को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो