Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रायगढ़ , 5 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की रकम की वापसी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लगभग 85,000 से अधिक लोगों ने चिटफंड कंपनियों में करीब 250 करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन अब तक पुलिस केवल 10 लाख रुपये की ही वसूली कर पाई है। स्थिति यह है कि अब तक सिर्फ पांच निवेशकों को ही उनकी रकम वापस मिल सकी है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए निवेशकों से आवेदन मांगे गए थे। बड़ी संख्या में पीड़ितों ने जिला प्रशासन के समक्ष रकम वापसी के लिए आवेदन प्रस्तुत किए थे। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न कंपनियों के 75 डायरेक्टर और कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन रिकवरी की दिशा में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी है।
पुलिस ने चिटफंड कंपनियों की 3 अरब 39 करोड़ रुपये की संपत्ति का चिन्हांकन किया है, लेकिन इन संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया वर्षों से अटकी हुई है। अधिकांश संपत्तियां अन्य राज्यों में स्थित होने के कारण कानूनी प्रक्रियाएं जटिल बनी हुई हैं।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई लगातार जारी है। एडिशनल एसपी के अनुसार, जिले में अब तक 29 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से 16 मामलों का निराकरण किया जा चुका है। पुलिस ने 22 मामलों में चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों का पता लगाकर चिन्हांकन कर लिया है, और अब कुर्की के लिए शासन से निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान