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डोडा, 5 अगस्त (हि.स.)। ऑपरेशन सद्भावना के तहत एक नेक कार्य करते हुए, भारतीय सेना ने गोटुल और देसा, डोडा में एक व्यापक चिकित्सा एवं पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य देसा क्षेत्र के दूरस्थ और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में रहने वाले गुज्जर और बक्करवाल समुदायों की स्वास्थ्य सेवा और पशु चिकित्सा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करना था।
यह स्थान निकटतम सड़क संपर्क से कई घंटे की दूरी पर है और खराब सड़क संपर्क, पानी की कमी और विकास संबंधी बाधाओं के कारण चिकित्सा बुनियादी ढाँचे तक पहुँच सीमित है। इस शिविर का नेतृत्व समर्पित सेना चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों के प्रतिष्ठित डॉक्टरों और पशु चिकित्सा पेशेवरों ने किया। स्थानीय लोगों को सामान्य स्वास्थ्य जाँच, बाल चिकित्सा देखभाल, महिला स्वास्थ्य परामर्श और दवा वितरण सहित कई प्रकार की चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की गईं। माताओं और बच्चों पर विशेष ध्यान दिया गया और उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए मुफ्त चिकित्सा सहायता की पेशकश की गई।
इसके साथ ही खानाबदोश गुज्जरों और बक्करवालों के पशुधन जो उनकी आजीविका का अभिन्न अंग हैं की देखभाल के लिए एक पशु चिकित्सा अभियान चलाया गया। गाय, भेड़, घोड़े, खच्चर, बकरी और भैंस सहित कई जानवरों की कुशल पशु चिकित्सा कर्मियों द्वारा जांच और उपचार किया गया। डॉक्टरों द्वारा 174 पुरुषों, 86 महिलाओं और 48 बच्चों सहित कुल 308 रोगियों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त गाय, भेड़, खच्चर और बकरियों सहित 615 जानवरों की जांच की गई और उन्हें मुफ्त चिकित्सा प्रदान की गई। सरकारी मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों और जिला भेड़ और पशुपालन विभाग, डोडा के पशु चिकित्सकों सहित चार स्टाफ सदस्यों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस समग्र चिकित्सा पहल ने न केवल उपचार और देखभाल प्रदान की बल्कि भारतीय सेना और उन लोगों के बीच विश्वास की डोर भी मज़बूत की जिनकी वह इतनी ईमानदारी से रक्षा करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह