कोपिली नदी पर जलमार्ग-57 से असम में एक दशक बाद फिर शुरू हुई माल ढुलाई
असम में जलमार्ग से सीमेंट को ले जाता जहाज


नई दिल्ली, 2 अगस्त (हि.स.)। असम में जल परिवहन को बढ़ावा देने की पहल करते हुए शनिवार को कोपिली नदी पर राष्ट्रीय जलमार्ग-57 (एनडब्ल्यू-57) को पहली बार मालवाहन के लिए चालू किया गया। इससे असम में एक दशक बाद नदी के रास्ते माल ढुलाई फिर से शुरू हो गई।

इस मौके पर एमवी वीवी गिरि मालवाहक पोत से चंद्रपुर के गोवर्धन पुल से दक्षिण समारा के हाटसिंगीमारी तक 300 मीट्रिक टन सीमेंट पहुंचाई गई। इस पोत में स्व-लोडिंग की सुविधा है। यह कोपिली नदी (एनडब्ल्यू-57) व ब्रह्मपुत्र नदी (एनडब्ल्यू-2) के रास्ते से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी 12 से 14 घंटे में तय करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचा।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक बयान में कहा कि इस नई शुरुआत के साथ असम में अब तक कुल 1168 किलोमीटर लंबे जलमार्ग चालू हो चुके हैं। लंबे समय तक उपेक्षित नदी मार्ग अब राज्य की आर्थिक रीढ़ बन सकते हैं। यह पहल न सिर्फ किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि सड़कों पर बोझ कम करने में भी मददगार होगी। इस ट्रायल रन से करीब 23 ट्रक की जगह एक पोत ने ले ली, जिससे जल परिवहन की क्षमता और महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। जलमार्गों का यह विकास पीएम गति शक्ति और मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

सोनोवाल ने कहा कि जलमार्गों का पुनरुद्धार न केवल व्यापार को गति देगा बल्कि स्थानीय समुदायों को रोजगार और समृद्धि का अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र, बराक, धनसिरी और अब कोपिली जैसी नदियों के माध्यम से राज्य को देश की मुख्य विकासधारा से जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोपिली नदी पर कार्गो सेवा की शुरुआत एक नए, जुड़े हुए और सशक्त असम की पहचान है जो देश की तरक्की की कहानी से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। अब सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की प्रमुख नदियों पर न केवल माल बल्कि यात्री परिवहन को भी विस्तार दिया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर