महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की योजना प्रभावी : गृह राज्य मंत्री
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की योजना प्रभावी : गृह राज्य मंत्री


नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही ‘साइबर अपराध की रोकथाम योजना’ (सीसीपीडब्ल्यूसी) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। यह जानकारी मंगलवार को गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस एवं लोक व्यवस्था राज्य के विषय हैं, इसलिए साइबर अपराधों की रोकथाम, जांच और अभियोजन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों की है। केंद्र सरकार इस दिशा में राज्यों को वित्तीय सहायता और परामर्श देकर सहयोग कर रही है।

राज्य मंत्री ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के तहत अब तक 132.93 करोड़ रुपये की सहायता राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई है। इस राशि का उपयोग साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने, जूनियर साइबर सलाहकारों की नियुक्ति और पुलिस अधिकारियों, अभियोजकों व न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में किया गया है। अबतक 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएं शुरू हो चुकी हैं, जबकि तमिलनाडु में यह आंशिक रूप से क्रियाशील है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 24,600 से अधिक पुलिस कर्मियों, लोक अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों को साइबर अपराध की जांच, फोरेंसिक विश्लेषण और संबंधित प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया जा चुका है।

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) को 20 सितंबर 2018 को शुरू किया गया था। इसे 30 अगस्त 2019 को पुनः डिज़ाइन कर सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए व्यापक प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया है, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

इसके अलावा, एनसीआरबी और आई4सी (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) को आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) के तहत अश्लील ऑनलाइन सामग्री हटाने के लिए अधिकृत एजेंसियां घोषित किया गया है। अमेरिका के एनसीएमईसी के साथ एक समझौता (एमओयू) भी 2019 में हुआ है, जिसके अंतर्गत भारत को ऑनलाइन बाल यौन शोषण संबंधी रिपोर्ट्स प्राप्त होती हैं।

कुमार ने बताया कि एक जुलाई 2024 से आई4सी को एक संलग्न कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया है, जो देशभर में साइबर अपराधों से निपटने के लिए रणनीतिक, समन्वित और व्यापक कार्यवाही करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार