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कोलकाता, 05 अगस्त (हि.स.)। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने और गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में चार अधिकारियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया। आरोप है कि इन अधिकारियों ने अपने चुनावी सूची(ईआर) डाटाबेस के लॉगिन पासवर्ड अनाधिकृत लोगों के साथ साझा किए, जिसके बाद मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े गए। यह मामला दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है।
आयोग के अनुसार, निलंबित अधिकारियों में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) देबोत्तम दत्ता चौधरी और बिप्लब सरकार के अलावा सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) तथागत मंडल और सुदीप्त दास शामिल हैं। इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी और इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। साथ ही, आकस्मिक डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजीत हालदार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी।
कुछ दिन पहले भी आयोग ने पूर्वी मिदनापुर के नंदकुमार और उत्तर 24 परगना के राजारहाट-गोपालपुर क्षेत्र के दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की अनुमति दी थी। उन पर भी पासवर्ड डेटा एंट्री ऑपरेटरों के साथ साझा करने का आरोप था, जिससे 102 फर्जी मतदाताओं का डेटा चुनाव आयोग के पोर्टल में डाल दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि नाम जोड़ने से पहले बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को सत्यापन के लिए भेजा ही नहीं गया था।
आयोग का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी हुई और फर्जी मतदाता जोड़ने का रास्ता आसान हो गया। मामले की जांच के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर