संसद की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए सरकार ने विपक्ष से मांगा सहयोग
संसद की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए सरकार ने विपक्ष से मांगा सहयोग


नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। संसद के मानसून सत्र का मंगलवार को 12वां दिन था, लेकिन दोनों सदनों में अब तक कोई खास विधायी कार्य नहीं हुआ है। सरकार ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए सदन की कार्यवाही बाधित न करने का आग्रह किया है।

लोकसभा में आज हंगामे के बीच गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित कर दिया गया। दूसरी ओर राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है, जिसे लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि संसद के वर्तमान सत्र को तीन सप्ताह बीत चुके हैं और अभी तक एक भी विधेयक पारित नहीं किया गया है। इससे पहले कि अन्य विधेयकों को लाया जाए, विपक्षी दलों से आग्रह है कि वे सदन की कार्यवाही में बाधा न डालें।

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पहले 2 बजे और बाद में थोड़े समय की कार्यवाही के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। इसी बीच लोकसभा में अनुसूचित जनजातियों के विधानसभा क्षेत्रों में पुनः समायोजन संबंधी ‘गोवा राज्य विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024’ पारित किया गया। इसे लोकसभा में विधि एवं न्याय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने प्रस्तुत किया था। वहीं सुबह थोड़े समय की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) भुगतान से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह विपक्ष पर सवाल खड़े किए और कहा कि विपक्ष व्यवधान से संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।

राज्यसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह माह आगे बढ़ाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। सदन में संक्षिप्त चर्चा के बाद राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत मणिपुर के संबंध में 13 फ़रवरी, 2025 को जारी की गई उद्घोषणा को 13 अगस्त, 2025 से छह महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए लागू रखने संबंधी वैधानिक संकल्प को स्वीकृत किया गया। इसके अलावा राज्यसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की ओर से प्रस्तुत अधिसूचना संख्या 27/2025-सीमा शुल्क दिनांक 30 अप्रैल 2025 के संबंध में वैधानिक संकल्प को स्वीकृत किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा