(अपडेट) राजस्थान में धीमा पडा बारिश का दौर, रविवार को नौ जिलों में अलर्ट
राजस्थान में बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त


जयपुर, 2 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान में शनिवार को मानसून का तेज दौर धीमा पड़ने के साथ ही जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा संभाग के अधिकांश जिलों में आसमान साफ रहा, लेकिन हल्की धूप निकलने से गर्मी के साथ उमस भी बढ़ गई। हालांकि श्रीगंगानगर, चूरू, कोटा और पिलानी में कुछ स्‍थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। मौसम केंद्र जयपुर ने रविवार तीन अगस्त को नौ जिलों सीकर, झुंझुनूं, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, दौसा और सवाई माधोपुर में येलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार मानसून ट्रफ रेखा अब उत्तर की ओर फिरोजपुर, अंबाला, शाहजहांपुर, बाराबंकी होते हुए गोरखपुर की तरफ चली गई है, जिससे आने वाले दिनों में बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। लेकिन उत्तर-पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में तीन अगस्त से पुन: भारी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। इस दौरान चार अगस्त को भरतपुर संभाग एवं आसपास के जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने की संभावना है।

लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में हादसे भी सामने आए हैं। शुक्रवार की रात भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे के दीवली के बौराज गांव में एक कच्चा मकान गिरने से बुजुर्ग दंपती की मलबे में दबकर मौत हो गई। बीकानेर के नोखा में दो मकान 30 फीट गहरे गड्ढे में धंस गए। हनुमानगढ़ में भी एक मकान ढह गया, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।

मौसम विभाग से प्राप्‍त आंकडोंं के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा बारां जिले के छीपाबड़ौद में 24 मिलीमीटर दर्ज की गई। इसके अलावा कोटड़ी में 10 मिमी, लालगढ़ में 14 मिमी में पिलानी 6 मिमी और मलारना डूंगर में 6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।

मानसून प्रदेश पर मेहरबान

राज्य के मानसून काल में सामान्य वर्षा औसतन 424 मिलीमीटर मानी जाती है, लेकिन इस बार मानसून प्रदेश पर मेहरबान है। राज्य में 1 जून, 2025 से 1 अगस्त, 2025 तक 403 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है, जो कि सामान्य वर्षा का 94 प्रतिशत है। यह वर्षा इसी समय अवधि (1 जून से 1 अगस्त, 2025 तक) में होने वाली सामान्य वर्षा 217 एमएम से 85 प्रतिशत अधिक है। राज्य के 714 वर्षामापी स्टेशनों पर रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। यह इस वर्ष बेहतर जल संग्रहण की स्थिति को भी दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि मानसून काल 30 सितम्बर तक माना जाता है। राज्य में अच्छी वर्षा के फलस्वरूप 260 बांध अपनी पूर्ण जलभराव क्षमता पर पहुंच गए हैं। इनमें से 202 में जल स्तर लगातार बढ़ने से पूरी सावधानी और आमजन को पूर्व सूचित कर जल निकासी की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक