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-दोपहर बाद एनएच ने प्रभावित क्षेत्र से कराया वाहनों का संचालन
-गौरीकुंड पहुंचे सब्जी और अन्य सामग्री लेकर छोटे वाहन
रुद्रप्रयाग, 2 अगस्त (हि.स.)। मुनकटिया के समीप रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। दोपहर बाद एनएच ने मशीनों से प्रभावित क्षेत्र को दुरुस्त करते हुए वाहनों के संचालन लायक सड़क तैयार कर दी है। हाईवे खुलने से केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली। दोपहर बाद सोनप्रयाग से सब्जी, दूध, रसोई गैस सहित और अन्य जरूरी सामग्री के साथ छोटे वाहन गौरीकुंड के लिए रवाना हुए।
इससे पूर्व पूर्वान्ह तक सोनप्रयाग से गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ के लिए पैदल ही भेजे गये, जिस कारण उन्हें कुल 22 किमी पैदल दूरी तय करनी पड़ी। शनिवार को सुबह से ही एनएच और कार्यदायी के द्वारा जेसीबी और डोजर से प्रभावित क्षेत्र में एनएच को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया। लगभग डेढ़ किमी चौड़ाई में हाईवे को बहाल कर यात्रियों और स्थानीय को गौरीकुंड के लिए भेजा गया। पूर्वान्ह तक करीब 200 लोग पैदल केदारनाथ के लिए रवाना हुये। इसके बाद एनएच द्वारा दोपहर तक भूस्खलन जोन में मलबा व बोल्डरों की पूरी तरह से सफाई कर छोटे वाहनों के लिए साढ़े तीन मीटर से अधिक चौड़ाई में सड़क खोल दी गई। इसके बाद निजी वाहन और शटल सेवा के वाहनों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए रवाना किया गया।
सोनप्रयाग कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि पूर्वान्ह तक 200 यात्री और कुछ स्थानीय लोगों को पैदल भेजा गया था। दोपहर बाद छोटे वाहनों के लिए हाईवे खोल दिया गया, जिसके बाद गौरीकुंड के लिए जरूरी वस्तुओं की सप्लाई की गई। साथ ही शटल सेवा भी शुरू हो गई है। रविवार से नियमित तौर पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए केदारनाथ शटल सेवा शुरू कर दी जाएगी। इधर, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता ओंकारनाथ पांडे ने बताया कि मुनकटिया में गौरीकुंड हाईवे छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
उन्होंने केदारनाथ यात्रा पर आने वाले शिव भक्तों से अपील की है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ही अपना यात्रा कार्यक्रम तय करें। बता दें कि बीते मंगलवार देर शाम को मुनकटिया में राजमार्ग भूस्खलन से बंद हो गया था। इसी रात्रि को हुई मूसलाधार बारिश से हाईवे का बड़ा क्षेत्र प्रभावित होने के साथ ही सोनप्रयाग-गौरीकुंड पैदल रास्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिस कारण यात्रा तीन दिन तक बंद रही।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति