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पूर्वी सिंहभूम, 2 अगस्त (हि.स.)। जिले में आजीविका संवर्धन को लेकर शनिवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पारंपरिक कला और सांस्कृतिक शिल्प से जुड़े चार समूहों को उपायुक्त ने निबंधन प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। बैठक में जिले के विभिन्न प्रखंडों में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों ने उत्पादित कृषि उत्पादों और पारंपरिक कलाकृतियों के संरक्षण, विकास और विपणन को लेकर गहन विचार-विमर्श किया।
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि आजीविका से जुड़ी योजनाओं को केवल प्रदर्शनी या औपचारिकता तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि इनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत समूहों की आय में वास्तविक वृद्धि और जीवन स्तर में सुधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मधु संग्रहण, बांस शिल्प, मशरूम उत्पादन, काजू उत्पादन, डोकरा शिल्पकला, पाटकर चित्रकला, पारंपरिक वाद्य यंत्र निर्माण, मिट्टी शिल्पकला और जर्मन सिल्वर जैसे क्षेत्रों में कई छोटे-छोटे समूह सक्रिय हैं, जिन्हें प्रशासन की सहायता से और मजबूत बनाया जा सकता है।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए जो अपनी गुणवत्ता और विशिष्टता के कारण खुले बाजार में टिक सकें।
उन्होंने कहा कि समूहों को केवल सरकारी सहायता पर निर्भर न रहते हुए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करना चाहिए। जिन समूहों के उत्पादों में संभावनाएं हैं, उन्हें प्रशिक्षण, विपणन, मानकीकरण और अन्य आवश्यक सहायता देकर दीर्घकालिक आर्थिक स्थायित्व दिया जाएगा।
मानकीकरण की आवश्यकता पर दिया बल
उपायुक्त ने उत्पादों के मानकीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि बाहरी बाजारों में खरीदारों का विश्वास प्राप्त किया जा सके। उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बैठक में हुई चर्चाओं के अनुरूप आगामी 15 दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
इस अवसर पर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने चार पारंपरिक शिल्प समितियों को निबंधन प्रमाण पत्र भी दिया। इनमें मारंग बुरू औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, पारूलिया (मुसाबनी), पैटकर पेंटिंग शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, धालभूमगढ़, अंधारझोर वाद्ययंत्र शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, बोड़ाम और डोकरा शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, मुसाबनी शामिल हैं।
बैठक में उप विकास आयुक्त, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक, नाबार्ड के डीडीएम, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला कृषि, मत्स्य, उद्यान और पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम-जेएसएलपीएस, विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधि सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक