सर्पदंश और रेबीज से बचाव को लेकर कर्मियों को किया गया जागरूक
टाटानगर रेल सिविल डिफेंस ने सर्पदंश व रेबीज से बचाव को लेकर कर्मचारियों को किया जागरूक


पूर्वी सिंहभूम, 31 जुलाई (हि.स.)। टाटानगर रेल सिविल डिफेंस की ओर से गुरुवार को इलेक्ट्रिक लोको शेड के सभागार में एक दिवसीय जागरूकता सेमिनार का आयाेेेजन गुरुवार को किया गया।

कार्यक्रम में कर्मचारियों को विषैले और विषहीन सांप के काटने की पहचान, लक्षण और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता विनोद कुमार ने की। इस दौरान सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक लोको शेड का भूगोल चारों ओर घना जंगल, झाड़ियां और पहाड़ी इलाका सांपों के आगमन को अनिवार्य बनाता है। विशेषकर मानसून के मौसम में प्राकृतिक आवास क्षतिग्रस्त होने, भोजन की कमी और प्रजनन काल के चलते सांपों की संख्या सेड परिसर में बढ़ जाती है।

उन्होंने बताया कि परिसर में कोबरा, करैत, रसेल वाइपर और चित्ती सांप जैसे विषैले सांप अक्सर देखे जाते हैं। इनकी पहचान, दंश के निशान, विष के लक्षण, शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से दी गई। साथ ही विषहीन सांपों की पहचान और उनसे जुड़ी भ्रांतियों पर भी प्रकाश डाला गया। इससे अनावश्यक भय के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

संतोष कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और जागरूकता की कमी के कारण लोग झाड़-फूंक में विश्वास कर समय गंवा देते हैं। इससे कई बार जान चली जाती है। केंद्र सरकार ने इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सर्पदंश रोकथाम और नियंत्रण योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत सर्पदंश की निगरानी, त्वरित उपचार और जनजागरूकता जैसे कदम शामिल हैं।

झारखंड सरकार ने भी सर्पदंश को राज्य विशिष्ट आपदा घोषित किया है और सर्पदंश से मृत्यु होने पर चार लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान किया है।

कार्यशाला में रेबीज संक्रमित कुत्तों के काटने पर उत्पन्न लक्षण, उनकी पहचान और उपचार की जानकारी भी टेली फिल्म के माध्यम से दी गई।

इस अवसर पर वरिष्ठ अनुभाग अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, सहायक मंडल विद्युत अभियंता सहित लोको शेड के सभी सेक्शन के कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक