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पश्चिम सिंहभूम, 31 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित खूंटपानी प्रखंड की एक 28 वर्षीय युवती, जो मानव तस्करी का शिकार होकर पंजाब पहुंचा दी गई थी, को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) चाईबासा और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल से सकुशल वापस लाया गया है। इस राहत भरे अभियान में कई विभागों की अहम भूमिका रही और समन्वित प्रयासों से यह मिशन सफल हो सका।
जानकारी के मुताबिक, युवती को गांव के ही एक व्यक्ति ने झांसा देकर और अच्छी नौकरी का लालच देकर पंजाब भेजा था। वहां उसे किसी अन्य व्यक्ति को सौंप दिया गया, जिसके बाद उसका कोई पता नहीं चल पा रहा था। लंबे समय तक संपर्क नहीं होने से परिजनों की चिंता बढ़ गई और उन्होंने इस मामले की सूचना अधिकार मित्र अलकमा रूही को दी।
मामले की गंभीरता को समझते हुए अधिकार मित्र ने तुरंत इसे डालसा के सचिव रवि चौधरी तक पहुंचाया। सचिव ने इस पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डालसा चाईबासा, मौहम्मद शाकिर से निर्देश प्राप्त किए और तत्क्षण कार्रवाई आरंभ की गई।
इस बीच, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को भी पूरे मामले की जानकारी दी गई। उन्होंने महिला थाना प्रभारी शीला मिंज को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी सौंपी। पुलिस और प्रशासन की सधी हुई रणनीति और तत्परता के चलते युवती को सुरक्षित पंजाब से वापस लाया जा सका।
फिलहाल युवती पूरी तरह से सुरक्षित है और गुरुवार को उसे परिवार को सौंप दिया गया है। परिजनों ने बेटी की सुरक्षित वापसी पर राहत की सांस ली है और जिला प्रशासन, डालसा तथा पुलिस विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया है।
घटना में शामिल आरोपी के विरुद्ध मानव तस्करी से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू हो चुकी है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी।
यह मामला एक बार फिर मानव तस्करी जैसी सामाजिक बुराई की भयावहता को सामने लाता है, लेकिन साथ ही यह उदाहरण भी प्रस्तुत करता है कि यदि प्रशासन, विधिक सेवा संस्थाएं और पुलिस मिलकर काम करें, तो पीड़ितों को समय पर न्याय और सुरक्षा देना संभव है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक