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जयपुर, 12 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की जय महल पैलेस होटल्स की 2.74 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से अतिक्रमण कर इसका उपयोग करने से जुडे मामले में जयपुर मेट्रो-द्वितीय की कमर्शियल कोर्ट-एक के 28 मार्च 2025 के आदेश में दखल से मना कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने द इंडियन होटल्स कंपनी की ओर से इस आदेश पर रोक लगाने के लिए दायर प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। जस्टिस अशोक कुमार जैन व जस्टिस मुकेश कुमार राजपुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश दिए।
खंडपीठ ने कहा कि कमर्शियल कोर्ट ने दोनों पक्षकारों के बीच में संतुलन स्थापित किया है और इस आदेश में किसी तरह का दखल देने की जरूरत नहीं है।
अधिवक्ता आरपी सिंह ने बताया की प्रार्थी द इंडियन होटल्स की ओर से अपील में कमर्शियल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने ज्यादा उपयोग में ली जा रही जगह के बदले 2 जून 1984 से लेकर 31 मई 2024 तक की अवधि के लिए लाइसेंस फीस के तौर पर 1.52 करोड़ रुपए की राशि 90 दिन में देने का निर्देश दिया था। वहीं एक जून 2024 से बढी हुई राशि लाइसेंस की फीस 84 लाख रुपए हर साल देना तय किया था। इसके अलावा यदि 31 मई 2029 तक प्रस्तावित मध्यस्थता की कार्रवाई का निस्तारण नहीं हो तो प्रार्थी की ओर से हर साल 6 लाख रुपए की बढोतरी करते हुए लाइसेंस फीस दी जाएगी। अपील में इंडियन होटल्स का कहना था कि कमर्शियल कोर्ट ने उन्हें होटल में उनके कब्जे वाले क्षेत्र से बेदखल नहीं करने से अप्रार्थी को पाबंद किया है, लेकिन बिना किसी क्षेत्राधिकार से उन्हें लाइसेंस फीस के तौर पर 90 दिन में राशि जमा करवाने का निर्देश दिया है। ऐसे में कमर्शियल कोर्ट ने उन पर लाइसेंस फीस के तौर पर राशि जमा करवाने की शर्त गलत लगाई है। इसलिए कोर्ट के इन निर्देशों पर रोक लगाई जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने इन निर्देशों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक