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-याचिका की सुनवाई 3 जुलाई को
प्रयागराज, 12 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में फर्जी प्रमाणपत्र देकर गलत तरीके से प्राचार्य पद पाने व धोखाधड़ी के आरोपी डेविड ऐंड्रयू ल्यूक की याचिका की सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि याची के हस्ताक्षर की जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजा गया है। रिपोर्ट आने में कुछ समय लगेगा। याची को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है तो अगली सुनवाई की तिथि तक भी गिरफ्तारी नहीं होगी। सरकारी वकील के इस कथन के बाद कोर्ट ने कहा अंतरिम आदेश जारी करने की अब आवश्यकता नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति हरवीर सिंह की खंडपीठ ने डेविड की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची पर आरोप है कि उसने छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में एम ए कोर्स में प्रवेश ही नहीं लिया किन्तु विश्वविद्यालय का प्रमाणपत्र स्वयं सत्यापित कर 2012 में प्राचार्य की नियुक्ति के लिए जमा किया है। याची का कहना है कि वह निर्दोष है। प्रमाणपत्र शिकायतकर्ता ने स्वयं ही दिया होगा। इस आरोप के बाद सरकार ने सत्यापन हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। याचिका की सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे