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दंतेवाड़ा, 7 दिसंबर (हि.स.)। जिले के गीदम से लगे हारम में रविवार 7 दिसंबर से पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा शुरू हो गई है। वे 13 दिसंबर तक यह कथा सुनाएंगे। कथा के पहले दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, पूरा बस्तर भगवान शंकर की आस्था का केंद्र है, इंद्रावती नदी के जल से शिवलिंग प्रकट होता है। उन्होंने कहा कि इस नदी का जल पत्थर को भी शिवलिंग बना देता है। यदि पूरे बस्तर की जमीन की खुदाई की जाए, तो हर जगह शिवलिंग मिलेंगे। उन्होंने बताया कि, यहां शिवजी ने आदि शक्ति का दंत गिराया था। दंतेश्वरी माता की भूमि में शिव और शक्ति दोनों मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि, शिव महापुराण की कथा कोई आम कथा नहीं है, यह सभी दुख और कष्ट दूर कर देती है।
कथा सुनने पहले दिन सैकड़ों भक्तों की भीड़ जुटी। समिति सदस्यों का कहना है कि, करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है। शिव महापुराण को लेकर भक्तों में इतनी आस्था है कि कार्यक्रम शुरू होने से ठीक 2 दिन पहले ही कई भक्त कार्यक्रम स्थल पहुंचकर अपनी जगह बना लिए हैं। शिव महापुराण में सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी लोग पहुंचे हैं। वहीं पूरे 7 दिनों तक शिव महापुराण समिति भंडारा का आयोजन कर रही है। जिले के अलग-अलग करीब 7 से 10 गांव के लोग खुद अपनी इच्छा से लगभग 10 लाख पत्तल बनाने में जुटे हुए हैं। समिति सदस्यों की मानें तो बड़े तुमनार, मोफलनार, गुमलनार, छोटे तुमनार जैसे गांवों में भी लोग दोना और पत्तल (पत्ते की कटोरी और थाली) बनाने में जुटे हुए हैं।
शिव महापुराण समिति के आयोजक अभिलाष तिवारी का कहना है कि, पहली बार पंडित प्रदीप मिश्रा का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसको लेकर पूरे जिले के लोगों में उत्साह है। गांव-गांव के लोग स्वयं सेवाभाव से आगे आएं हैं, और कार्यक्रम में अपने-अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे