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खूंटी, 7 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ जिला इकाई खूंटी के पदाधिकारियों ने रविवार को जिलाध्यक्ष सह राज्य संगठन मंत्री संजय कुमार पाठक के नेतृत्व में खूंटी लोकसभा के सांसद कालीचरण मुंडा से मुलाकात कर महत्वपूर्ण मांगों से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने सांसद को ज्ञापन सौंपते हुए सर्वोच्च न्यायालय की ओर से एक सितंबर 2025 को सिविल अपील (संख्या 1385/2025) में दिए गए निर्णय पर चिंता जताई।
संघ के जिलाध्यक्ष पाठक ने बताया कि इस निर्णय से केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के शिक्षकों की सेवा, सुरक्षा, आजीविका और पदोन्नति पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति शिक्षकों के मनोबल को कमजोर करने के साथ-साथ विद्यालय शिक्षा की स्थिरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
इस संदर्भ में संघ ने सांसद से अनुरोध किया कि वे केंद्र सरकार एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पहल कर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को केवल भविष्यलक्षी रूप से लागू करने का आग्रह करें। ताकि एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना और आरटीई लागू होने से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों का दर्जा विधिक रूप से सुरक्षित रह सके। संजय कुमार पाठक ने कहा कि कई राज्यों के शिक्षक भी इस निर्णय से प्रभावित हैं। उन्हें विश्वास है कि सांसद शिक्षकों की आवाज बनकर संसद और उपयुक्त मंचों पर इस मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल में बुड़न सिंह मुंडा, गौरांग मुंडा, जीता मिंज, सुखनाथ होरो, रविन्द्र मुंडा, रामसहाय मुंडा, ओमप्रकाश मुंडा सहित कई शिक्षक शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा