उरांव समाज ने पूर्वजों की स्मृति में ‘हडबोडी अनुष्ठान’ उत्साहपूर्वक मनाया
Hadbodi ritual oraon society
उरांव समाज ने पूर्वजों की स्मृति में ‘हडबोडी अनुष्ठान’ उत्साहपूर्वक मनाया


पश्चिमी सिंहभूम, 7 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिला में रविवार को आदिवासी उरांव समाज संघ के सदस्यों ने अपने मसना स्थल (उरांव समाज का पारंपरिक कब्रिस्तान) में पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परंपरागत ‘हडबोडी अनुष्ठान’ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। सुबह से ही समुदाय के छोटे-बड़े और बुजुर्ग लोग मसना स्थल पहुंचे और अपने-अपने पूर्वजों की कब्रों को फूलों से सजाया तथा घर से बने पकवान नियमानुसार अर्पित किए।

समाज के वरिष्ठों के अनुसार यह अनुष्ठान हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की तीसरी घड़ी में मनाया जाता है, जिसे उरांव समुदाय ‘कोहां बेंजा’ (बड़ी शादी) भी कहता है। समिति के सचिव अनिल लकड़ा ने बताया कि इस वर्ष भी सातों अखाड़ों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और पूर्वजों को याद किया।

कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुड़ुख विभाग तथा सरना नवयुवक संघ के सदस्य भी उपस्थित रहे। इनमें हरि उरांव, पूर्व प्रोफेसर डॉ. बंदे खलखो, साधु उरांव, सुखराम उरांव, जगदीश उरांव, लखन उरांव, गणेश उरांव, अमर उरांव, कृष्णा उरांव, पुष्पा किस्पोट्टा, दुलारी मिंज, पुष्पा तिग्गा, शीला मिंज, प्रियंका उरांव, लक्ष्मण उरांव सहित कई समाजसेवी शामिल थे।

सभी उपस्थित लोगों ने पूर्वजों की स्मृति में 2 मिनट का मौन रखा और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों की सुविधा के लिए चाय, खिचड़ी, घुघनी, मुड़ी आदि के स्टॉल लगाए गए थे। टेंट की व्यवस्था विक्रम लकड़ा ने की।

स्वर्गीय बिरसा तिर्की और पालो तिर्की की स्मृति में पुत्र शोभा तीर्थ (पुलहातु) की ओर से झालमुड़ी, स्वर्गीय गांधी तिर्की (बान टोला) की स्मृति में चाय-बिस्कुट, मसना समिति द्वारा चाय-बिस्कुट एवं पानी, राजकमल लकड़ा (तेलंगाखुरी) द्वारा हलवा-खीर, बान टोला महिला समिति की ओर से खिचड़ी तथा धूमकुडिया समिति द्वारा चाय, घुघनी और बिस्कुट की व्यवस्था की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय समिति के सदस्यों ने कहा कि यह दिन समुदाय के लिए अत्यंत पावन है, क्योंकि इस अवसर पर लोग अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने समाज को शिक्षा और विकास का मार्ग दिखाया है, इसलिए उनके आदर्शों पर चलना आवश्यक है।

उपसचिव लालू कुजूर ने मसना स्थल की साफ-सफाई और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की अपील की। कार्यक्रम में बाबूलाल बरहा, दुर्गा खलखो, कृष्णा टोप्पो, डोमा मिंज, धर्मा तिग्गा, छीदिया कच्छप सहित कई लोग उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक