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गुवाहाटी, 07 दिसंबर, (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन, दिसपुर में रविवार शाम आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में राज्य के बुनियादी ढांचे, शिक्षा, नागरिक कल्याण और रक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में सबसे पहले कछार जिले के सिलचर स्थित डोलू चाय बागान की 3,000 बीघा भूमि को ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई। इस कदम से परियोजना को केंद्र मंत्रिमंडल की स्वीकृति प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मिशन बसुंधरा के तहत 1,200 परिवारों को भूमि आवंटन की भी स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही लॉजिस्टिक सेक्टर को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ‘असम लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग पॉलिसी, 2025’ को मंजूरी दी गई, जिसके माध्यम से राज्य को एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
बैठक में असम इंजीनियरिंग कॉलेज में राज्य सरकार और डसॉल्ट सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त सहयोग से एक अत्याधुनिक परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया गया। 5,000 वर्गफुट क्षेत्र में बनने वाली इस परियोजना पर 243 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इसमें असम सरकार 43 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि डसॉल्ट सिस्टम्स 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। परियोजना के तहत एयरोस्पेस एवं डिफेंस, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़े कोर्स संचालित किए जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने डीमा हसाओ जिले में चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 884 परिवारों को मुआवज़ा देने की मंजूरी भी प्रदान की।
इसके अलावा कार्बी आंगलोंग जिले के लोंगवाकू में राज्य के दूसरे सैनिक स्कूल के निर्माण को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। 335 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस स्कूल में रक्षा मंत्रालय 80% और असम सरकार 20% राशि वहन करेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कक्षा 6, 7 और 8 में असम का इतिहास और भूगोल अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने को मंजूरी दी गई। यह निर्णय असम समझौते के क्लॉज 6 के कार्यान्वयन के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश