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बीजापुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। जिले के छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित कोंडापल्ली गांव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचते ही ग्रामीण खुशी के मारे मांदर की थाप पर नाच उठे। दशकों तक नक्सली हिंसा से पीड़ित यहां के ग्रामीण सड़क, बिजली और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे हैं। जैसे ही आज अधिकारियों ने घोषणा की कि टावर काम करना शुरू हो चुका है, गांव में उत्सव की लहर दौड़ गई । महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी एक साथ इकट्ठे होकर रैली की शक्ल में टावर स्थल तक पहुंचे। वहां पारंपरिक विधि से टावर की पूजा-अर्चना की गई और फिर मांदर (स्थानीय वाद्य यंत्र) की थाप पर ग्रामीण भावुक होकर नाच उठे। सुरक्षा बलों के जवानों ने भी उनकी खुशी में शामिल होकर मिठाइयां बांटी। यह दृश्य दिखाता है कि यह सुविधा उनके लिए केवल तकनीकी नहीं, बल्कि बाहरी दुनिया से पहला वास्तविक जुड़ाव है।
नक्सली हिंसा का खौफ हटने के बाद यहां के युवा अब इंटरनेट की दुनिया में अपना कदम बढ़ाने को तैयार हो गए हैं। बीते दो वर्षों में संचार अधोसंरचना को मजबूत करने में सफलता मिली है। बीजापुर जिले में कुल 728 नए टावर स्थापित किए गए हैं। जिनमें 467 विशेष रूप से 4-जी नेटवर्क के लिए लगाए गए हैं। साथ ही, 449 टावरों को 2जी से 4जी में अपग्रेड किया गया है। कोंडापल्ली की यह सफलता भी ''नियद नेल्ला नार'' योजना का परिणाम है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2024 में कैंप स्थापित होने के बाद लंबे समय से बंद पड़ी 50 किलोमीटर सड़क का पुनर्निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन द्वारा किया जा रहा है, जो प्रगति पर है। केवल दो महीने पहले गांव में पहली बार बिजली लाइन पहुंची है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और छोटे व्यवसायों को बल मिला है। अब मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से यहां के ग्रामीण बैंकिंग, आधार, राशन, स्वास्थ्य योजनाओं और पेंशन जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जो अब तक उनके लिए एक दूर का सपना था।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क का पहुंचना सिर्फ एक टावर का खड़ा होना नहीं है, यह उन लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना है जो वर्षों से दुनिया से कटे हुए थे। यह सिर्फ संचार की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और नई संभावनाओं के युग का आरंभ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे