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धर्मशाला, 02 नवंबर (हि.स.)।
ठेकेदार संघर्ष समिति जिला कांगड़ा ने पिछले दो से अढ़ाई वर्ष से पेंडिंग चल रहे करीब 500 करोड़ के बिलों के भुगतान को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। कांगड़ा के सात डिविजन के तहत आने वाले लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग के ठेकेदारों ने बताया कि ठेकेदारों के करीब 500 करोड़ रुपए के बिल लंबित हैं, जिसमें करीब 40 करोड़ के बिलों को कोष विभाग में संबंधित विभागों की ओर से जमा करवा दिया गया है, जबकि ठेकेदारों को पेमेंट नहीं हो पा रही है। धर्मशाला में उन्होंने अब 10 नवंबर तक पेंडिंग बिलों की अदायगी न होने पर 11 से सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए जिला कांगड़ा के ठेकेदारों की ओर से संयुक्त संघर्ष समिति का भी गठन किया जा रहा है, जिसमें पदाधिकारियों व सदस्यों का भी जल्द ही चयन किया जाएगा। इसी बैनर तले ठेकेदार अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन का बिगुल बजाने का ऐलान कर रही है। ठेकेदारों ने कहा कि अब आने वाले समय में आंदोलन को उग्र करते हुए घेराव, चक्का जमा व पुतले जलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
ठेकेदार संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों गोल्डी चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिला कांगड़ा में ठेकेदारों के करोड़ों के बिल पेंडिंग चल रहे हैं। जिसमें पीडब्ल्यूडी व आईपीएच के अधिकारी काम करवा चुके हैं। सात डिवीजन में 500 करोड़ पेंडिंग चल रहा है। 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है। 11 नवंबर तक मांगों पर विचार न किए जाने पर आंदोलन को उग्र करेंगे, जिसमें सड़कों में उतरकर हर सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और उनसे सीएम से बात रखने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार से खुद की सैलरी तो बढ़ा ली है, लेकिन उन्हें पेंडिंग बिलों का ही भुगतान नहीं किया गया। साथ ही आपदा प्रभावित हिमाचल को नेताओं की तरफ से अपने वेतन-भत्तों को बढ़ाने के बारे में नही सोचने का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाए कि देहरा, नादौन, शिमला, किन्नौर सहित कई अन्य सभी क्षेत्रों में पेमेंट हो रही है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के 250 से अधिक ठेकेदार एकजुट होकर संघर्ष समिति बनाकर अब सड़कों में उतरेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया