प्रदेश में 1010.60 करोड़ की लागत से चल रही है जायका परियोजना: प्रो. चंद्र कुमार
जायका के कार्यक्रम में कृषि मंत्री चंद्र कुमार किसानों को सम्मानित करते हुए।


धर्मशाला, 2 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण–2) जायका के तहत प्रदेश में कुल 1010.60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इस परियोजना के अंतर्गत आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु प्रदेश में 296 सिंचाई उप–परियोजनाएं तथा 10 कन्वर्जेंस सिंचाई उप–परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनसे 7933 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चौधरी चन्द्र कुमार ने रविवार को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के डढम्ब में 91.65 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाली बहाब सिंचाई योजना त्रैम्बला–ओला कूहल का शिलान्यास करने के उपरांत जनसमूह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जायका के तहत जिला परियोजना प्रबंधन इकाई पालमपुर (जिला कांगड़ा एवं चंबा) के माध्यम से 221 करोड़ रुपये से 102 उप–परियोजनाएं पालमपुर, देहरा, शाहपुर, ज्वाली और चंबा खंडों में प्रस्तावित हैं, जिनसे 3923.01 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता विकसित होगी।

उन्होंने बताया कि परियोजना के अंतर्गत भूमिहीन परिवारों को डेयरी, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, मशरूम एवं शीटाके उत्पादन तथा मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में आजीविका सुधार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी फसलों का बीमा अवश्य करवाएं तथा किसान क्रेडिट कार्ड भी बनवाएं ताकि विपरीत परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

त्रैम्बला कूहल के बनने से 230 किसानों की 63.50 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित : पठानिया

वहीं इस अवसर पर शाहपुर के विधायक एवं उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने विधानसभा क्षेत्र में आगमन एवं कूहल के शिलान्यास के लिए कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जायका के तहत शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 6.75 करोड़ रुपये की धनराशि विभिन्न उप–परियोजनाओं पर व्यय की जा रही है, जिनसे 1510 किसान परिवारों की 342.83 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

उन्होंने बताया कि त्रैम्बला कूहल के बन जाने से 230 किसानों की 63.50 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। पठानिया ने कृषि मंत्री से आग्रह किया कि विभाग के तकनीकी विंग को और अधिक सुदृढ़ किया जाए ताकि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया