श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन मानवता और त्याग का प्रतीक : राज्यपाल शुक्ल
राज्यपाल शहीदी पर्व पर संबोधित करते हुए


शिमला, 02 नवंबर (हि.स.)। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर श्री गुरु सिंह सभा शिमला द्वारा राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। दो दिवसीय समारोह के अंतिम दिन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। समारोह में बड़ी संख्या में सिख संगत और विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु शामिल हुए।

राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि त्याग, तपस्या, बलिदान और मानवता की सेवा ही गुरु तेग बहादुर जी का परम संदेश है। उनके दिखाए मार्ग पर चलना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गुरु जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म केवल पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि मानवता की रक्षा का मार्ग है। उन्होंने संपूर्ण मानवता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।

राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत ने यह सिद्ध किया कि सत्य और न्याय की रक्षा के लिए किया गया बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। उनका संदेश किसी एक धर्म या समाज तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए था। उन्होंने कहा कि आज जब विभिन्न धर्मों के लोग इस पवित्र अवसर पर एक साथ एकत्र हुए हैं, तो यह भारत की एकता और भाईचारे की सबसे सुंदर मिसाल प्रस्तुत करता है।

राज्यपाल ने कहा कि जब समाज भय, असहिष्णुता या विभाजन का सामना करता है, तब गुरु जी की शिक्षाएँ हमें साहस, करुणा और सेवा का मार्ग दिखाती हैं। धर्म की सच्ची साधना मानवता की सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने में है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे गुरु जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ, सहिष्णुता और सद्भाव को बढ़ावा दें, तथा समाज में सेवा और एकता की भावना को सशक्त बनाएं।

इससे पूर्व, श्री गुरु सिंह सभा शिमला के अध्यक्ष श्री जसविंद्र सिंह ने राज्यपाल को सम्मानित किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा