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नैनीताल, 6 अगस्त (हि.स.)। उच्च न्यायालय ने दून टैक्सी/बस ओनर्स की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद प्रीपेड टैक्सी बूथ संचालक को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून के टैक्सी ओनर्स, संचालकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि 2015 में तत्कालीन सरकार ने चार धाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ यात्री नाम से एक स्कीम निकली थी, जिसकी यात्रा करने के लिए देश व विदेश से पर्यटक आते हैं। इनको मंजिल तक पहुंचाने के लिए रेलवे स्टेशन के पास दून टैक्सी स्टैंड का बूथ भी बनाया गया था, लेकिन रेलवे प्रशासन ने वर्तमान समय में उसे बंद कर उसे लीज पर दे दिया है। इसकी वजह से तीर्थ यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यटक तय समय के भीतर अपने गंतव्य स्थानों पर नही पहुंच पा रहे है इसलिए प्रीपेड बूथ पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा कि एक समय में पांच से अधिक टैक्सियों के ठहरने की पाबंदी रोक को हटाया जाय। इस सम्बंध में उनके द्वारा समय-समय पर पूर्व सीएम हरीश रावत, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहगुणा व केंद्र सरकार को अवगत कराया गया लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / लता