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--लापता लड़की का शव बरामद होने पर कोर्ट ने राहत देने से किया इंकार
प्रयागराज, 06 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एल्बम फिल्म निर्माता सुनील यादव की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा ली है। कोर्ट ने यह आदेश देवरिया की लापता अनुपमा यादव का शव बरामद कर लिये जाने और उसकी मां द्वारा पहचाने जाने की जानकारी मिलने के बाद दिया है।
सुनील यादव पर अनुपमा यादव की हत्या करने का शक जताया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने सुनील यादव की याचिका पर दिया है।
एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव पर देवरिया की अनुपमा यादव के अपहरण सहित कई आरोपों में कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज है। शिकायतकर्ता अनुपमा की बहन ने आरोप लगाया कि आरोपी सुनील, अनुपमा से प्रेम करता था। 19 फरवरी 2025 को उसके घर आया और शादी की खरीदारी के लिए नेपाल जाने की बात कही। इसके बाद अनुपमा को कार से लेकर चला गया। बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची उसे बिहार ले आया है। इसके बाद फोन बंद हो गया। अनुपमा का कहीं कुछ पता नहीं चला। 22 फरवरी 2025 को याची ने फोन उठाया और बताया अनुपमा उसके साथ नहीं है। आरोपी सुनील ने दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याची अधिवक्ता ने दलील दी कि याची चैनल के लिए एलबम बनाता है। याची ने अनुपमा से एलबम में काम करने के लिए कहा। बदले में अनुपमा से छह-सात लाख रुपये लिए लेकिन काम नहीं किया। पैसे वापस मांगे तो उसने अपने आदमी भेजकर डराया धमकाया। इस संबंध में कोर्ट के आदेश पर सारनाथ थाना, वाराणसी में एफआईआर दर्ज है। इसके बाद याची को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया गया है।
युवती का पता न चलने पर नाराज कोर्ट ने 21 जुलाई 2025 को एसपी देवरिया व एसएचओ कोतवाली को तलब भी किया था। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी निगरानी डीजीपी को सौंप दी थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि युवती का शव बरामद हो गया है। उसकी मां ने पहचान कर ली है। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा ली।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे