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श्रीनगर 06 अगस्त (हि.स.)। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी और युवा सेवा एवं खेल मंत्री सतीश शर्मा ने जग मोहन सिंह रैना के नेतृत्व में कश्मीर एलपीजी वितरक संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने बार-बार गैस की कमी के कारण वितरकों और उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला।
प्रतिनिधिमंडल ने एलपीजी आपूर्ति में बार-बार होने वाली रुकावटों का मुद्दा उठाया और कहा कि इसके लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के बार-बार बंद होने और चल रहे रखरखाव कार्यों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिससे विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से कश्मीर घाटी और दूरदराज के इलाकों में गैस सिलेंडरों का समय पर परिवहन बाधित हो रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से एलपीजी वितरकों को वर्तमान विनियमित सीमा से अधिक अतिरिक्त गैस सिलेंडर रखने की विशेष अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह के प्रावधान से सड़क जाम या प्रतिकूल मौसम के दौरान विशेष रूप से पहाड़ी और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में गैस की कमी को रोकने में मदद मिलेगी।
सतीश शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए उनकी चिंताओं की वास्तविक प्रकृति को स्वीकार किया। उन्होंने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि इस मामले को तेल विपणन कंपनियों और आपदा प्रबंधन विभागों सहित संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार हर घर तक आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से रसोई गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम उचित सुरक्षा मानदंडों के तहत भंडारण सीमा में अस्थायी छूट सहित सभी संभव समाधानों का पता लगाएंगे।
उन्होंने एफसीएसएंडसीए विभाग को जिला प्रशासन और तेल कंपनियों के साथ एक संयुक्त समीक्षा करने का निर्देश दिया ताकि आपूर्ति बाधित होने की क्षेत्रवार संवेदनशीलता का आकलन किया जा सके और उपयुक्त भंडारण तंत्र की पहचान की जा सके।
मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी संवेदनशील जिलों में अग्रिम शीतकालीन भंडारण योजनाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता बनाए रखने के लिए नागरिक प्रशासन, ट्रांसपोर्टरों और तेल कंपनियों के बीच समन्वय के महत्व पर बल दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता