जम्मू-कश्मीर में बागवानी व्यापार और बाज़ार संपर्क को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठक आयोजित
जम्मू-कश्मीर में बागवानी व्यापार और बाज़ार संपर्क को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठक आयोजित


जम्मू 06 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के बागवानी, योजना एवं विपणन विभाग ने आज कनाल रोड स्थित कन्वेंशन सेंटर में “किसानों को बाज़ारों से जोड़ना“ विषय पर एक क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश के फलते-फूलते बागवानी क्षेत्र में बाज़ार संपर्क को मज़बूत करना और कृषि-व्यवसाय साझेदारी को बढ़ावा देना है।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सहकारिता एवं चुनाव विभाग मंत्री जाविद अहमद डार ने की।

इस सम्मेलन में देश भर के प्रमुख बागवानी उत्पादकों, किसान उत्पादक संगठनों, व्यापारियों, निर्यातकों, कृषि उद्यमियों और संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के प्रतिनिधियों सहित विविध हितधारकों ने भाग लिया। यह खरीदारों और विक्रेताओं के बीच सीधे जुड़ाव के लिए एक जीवंत मंच के रूप में कार्य किया, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करना और जम्मू-कश्मीर के सेब, अखरोट, बासमती चावल, चेरी, पेकानट, नाशपाती और खुबानी जैसे प्रीमियम बागवानी उत्पादों के लिए नए बाजार के रास्ते खोलना था।

इस कार्यक्रम में बागवानी उत्पादों की निर्यात क्षमता, उत्तम कृषि पद्धतियों को अपनाना, ई-नाम जैसे ई-मार्केट प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स में नवाचार जैसे विषयों पर केंद्रित बी2बी संवाद, तकनीकी सत्र और ज्ञान-साझाकरण चर्चाएँ शामिल थीं।

विभाग ने लक्षित प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बाजार पहुँच की सुविधा के माध्यम से हितधारकों को सशक्त बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

यह पहल केंद्र शासित प्रदेश सरकार के बागवानी-आधारित आजीविका को मज़बूत करने और बाज़ार-संचालित एवं टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके जम्मू-कश्मीर की कृषि-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।

जाविद डार ने जम्मू-कश्मीर में बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा की गई पहलों की सराहना की। उन्होंने प्रतिभागियों को जम्मू-कश्मीर के उत्पादकों और खरीदारों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी।

मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के उत्पादकों की अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए बागवानी क्षेत्र के उत्थान के लिए बहुत उत्सुक है। बागवानी/कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इसी तरह के प्रमुख कार्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं का पता लगाना जारी रखा जाएगा।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रत्येक जिले में उत्कृष्टता केंद्र होंगे जो किसानों को आधुनिक तकनीक, विशेषज्ञता और संसाधनों तक पहुँच प्रदान करेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आजीविका के लिए पलायन को रोकने के लिए बागवानी, कृषि, पशुपालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा आधारित क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करें।

इस आयोजन ने किसानों, एफपीओ और संस्थागत खरीदारों के बीच सीधे संवाद को सुगम बनाया जिससे पारदर्शी मूल्य वार्ता और दीर्घकालिक व्यावसायिक अवसर संभव हुए। आयोजन के दौरान अखरोट, केसर और प्रसंस्कृत वस्तुओं सहित विभिन्न स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

इस आयोजन में ई-नाम जैसे आधुनिक विपणन मंचों पर भी प्रकाश डाला गया और बी2बी साझेदारी को बढ़ावा दिया गया।

इससे पहले उद्घाटन भाषण में बागवानी योजना एवं विपणन निदेशक, गुलाम जिलानी ज़रगर ने केंद्र शासित प्रदेश के भीतर और बाहर स्थानीय विक्रेताओं और खरीदारों के बीच विपणन संबंध बनाने और बागवानी क्षेत्र में एकीकृत मूल्य श्रृंखला के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने समग्र कृषि विकास कार्यक्रम और जम्मू-कश्मीर प्रतिस्पर्धी निवेश परियोजना के तहत प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला जिनमें नियंत्रित वातावरण स्टोर, एकीकृत पैक हाउस, ग्रेडिंग और सॉर्टिंग लाइनें और कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे का विस्तार शामिल है जिनका उद्देश्य कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना है।

अधिकारियों ने बुनियादी ढाँचे, बाज़ार हस्तक्षेप और क्षमता निर्माण के माध्यम से एक स्थायी बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। इस पहल से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने और पूरे क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता