(लीड) भारत फिलीपींस के बीच कायम हुई रणनीतिक साझीदारी
(लीड) भारत फिलीपींस के बीच कायम हुई रणनीतिक साझीदारी


नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। दुनिया भर में अमेरिका के टैरिफ की मार के बीच हिन्द प्रशांत क्षेत्र के दो प्रमुख शक्तियों- भारत एवं फिलीपींस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी के स्तर पर ले जाने तथा सशस्त्र सैन्य बलों के बीच सीधे संवाद, रक्षा उपकरणाें की खरीद एवं संयुक्त उत्पादन के साथ ही आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने और भुगतान प्रणालियों के एकीकरण के लिए काम करने का आज फैसला किया।

भारत की पांच दिन की यात्रा पर आये फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच मंगलवार को यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये फैसले लिये गये। बैठक में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी की स्थापना की घोषणा और भारत-फिलीपींस रणनीतिक साझीदारी कार्य योजना (2025-29) के अलावा 11 अन्य समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये। इन समझौता ज्ञापनों में भारत एवं फिलीपींस की तीनों सेनाओं तथा तटरक्षक बलों के बीच संवाद की विषयवस्तु तय करने, दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता पर संधि एवं सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर संधि तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, डिजीटल तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ ही पर्यटन एवं संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग के करार शामिल हैं।

बैठक में इन करारों के साथ ही पांच घोषणाएं भी की गयीं जिनमें फिलीपींस के संप्रभु डेटा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए एक पायलट परियोजना को भारत के समर्थन, भारत-फिलीपींस राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त स्मारक डाक टिकट जारी करने, दोनों देशों के बीच व्यापारिक वरीयता समझौते पर वार्ता के लिए संदर्भ की शर्तों को अपनाने की घोषणा शामिल है। भारत ने फिलीपींस के पर्यटकों को अगले एक वर्ष तक निःशुल्क पर्यटन वीजा जारी करने का एलान किया तथा फिलीपींस को हिंद महासागर क्षेत्र के

सूचना संलयन केंद्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। दिल्ली एवं मनीला के बीच एक अक्टूबर से एयर इंडिया की सीधी उड़ान शुरू करने के साथ ही भारत के अन्य शहरों से भी मनीला एवं फिलीपींस के अन्य शहरों तक उड़ानें शुरू करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगीं।

प्रधानमंत्री माेदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा, भारत और फिलीपींस अपनी इच्छा से मित्र और नियति से साझीदार हैं। हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक, हम साझा मूल्यों से एकजुट हैं। हमारी दोस्ती सिर्फ़ अतीत की दोस्ती नहीं है, यह भविष्य के लिए एक वादा है। उन्होंने कहा, हमारे राजनयिक संबंध भले ही नए हैं, लेकिन हमारी सभ्यताओं के संपर्क बहुत प्राचीन काल से हैं। फिलीपींस की रामायण- महाराडिया लवाना” - हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का जीवंत प्रमाण है। अभी जारी किये गए डाक टिकट, जिसमें दोनों देशों के राष्ट्रीय पुष्प हैं, हमारी मित्रता की महक दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति और महासागर” विज़न में फिलीपींस एक अहम साझीदार है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, समृद्धि और नियम आधारित व्यवस्था के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। और 3 डॉलर का पात्र पार कर गया है। इसे और मजबूत करने के लिए, भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा जल्द से जल्द पूरी करना हमारी प्राथमिकता है। साथ ही, हमने ग्रुप प्रेफेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट की दिशा में काम करने का निर्णय भी लिया है। सूचना और डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल्स, आर्किटेक्चर, वेयरहाउस, हर सेक्टर में हमारी कंपनियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, वायरोलॉजी से लेकर एआई और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तक, संयुक्त अनुसंधान चल रहा है। आज हस्ताक्षरित विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग योजना से इस और गति मिलेगी।

उन्होंने कहा, वाराणसी में स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान का रीजनल सेंटर, अल्ट्रा-लो ग्लाई-सिमिक इंडेक्स वाले चावल पर काम कर रहा है। यानी, हम साथ मिलकर, स्वाद और सेहत- दोनों पर काम कर रहे हैं! मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि विकास साझीदारी के तहत हम फिलीपींस में त्वरित प्रभाव परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि करेंगे। और, फिलीपींस में संप्रभु डेटा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भी सहयोग देंगे।

मेहमान नेता ने 2024 में यमन के पास हूती विद्रोहियों के एक मालवाहक जहाज पर हमले में भारतीय नाैसेना द्वारा फिलीपींस के नाविकों को बचाने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए सुरक्षित नौवहन और सुरक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, सुरक्षित नौवहन और सुरक्षा विशेष रूप से फिलिपिनो नाविकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो इन ऐतिहासिक और रणनीतिक समुद्री मार्गों पर चलने वाले लगभग हर जहाज़ पर सवार होते हैं। मैं 2024 में हूथी विद्रोहियों के हमले के बाद हमारे नागरिकों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से भारतीय जनता और भारतीय नौसेना के बहादुर पुरुषों और महिलाओं को एक बार फिर धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने कहा, हम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता की भूमिका के रूप में भारत के प्रभाव को समझते हैं और हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हमारे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया के भविष्य में हम दोनों का बहुत बड़ा योगदान है।

प्रधानमंत्री मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति के बीच बैठक के परिणामों की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने कहा कि यह यात्रा कल शुरू हुई और 8 अगस्त तक चलेगी। राष्ट्रपति मार्कोस की आधिकारिक हैसियत से यह पहली भारत यात्रा है। यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1949 में फिलीपींस के साथ राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस दोनों ने भारत-फिलीपींस द्विपक्षीय सहयोग को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक सहयोग, रक्षा, सुरक्षा और समुद्री सहयोग, व्यापार और निवेश सहयोग, स्वास्थ्य सेवा और फार्मा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कनेक्टिविटी, डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक, कांसुलर मामलों, संस्कृति, पर्यटन, लोगों के बीच आदान-प्रदान और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर घनिष्ठ सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंधों को आगे बढ़ाना है। हमने उन्नत रणनीतिक साझेदारी के तहत अपने सहयोग को दिशा देने के लिए 2025 से 2029 की अवधि के लिए एक कार्ययोजना भी अपनाई है। राष्ट्रपति मार्कोस के साथ प्रथम महिला और 14 मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।

उन्होंने कहा कि आज सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मार्कोस का औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद वह राजघाट गए, जहाँ राष्ट्रपति मार्कोंस ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रपति मार्कोस ने प्रधानमंत्री के साथ शुरुआत में एकांत में और फिर पूर्ण प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यापक और उपयोगी वार्ता की। प्रधानमंत्री ने उनके लिए दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया। राष्ट्रपति मार्कोस आज इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मु राष्ट्रपति मार्कोस के सम्मान में एक भोज का भी आयोजन करेंगी। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी कल राष्ट्रपति मार्कोस से मुलाकात की थी।

दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग से जुड़े सवालों के जवाब में श्री कुमारन ने कहा, रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। राष्ट्रपति मार्कोस ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में भारत से मिले सहयोग और ब्रह्मोस सहित रक्षा उपकरणों के निर्यात के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में और अधिक सहयोग का भी आह्वान किया। हमारे व्यापक रक्षा सहयोग के एक भाग के रूप में, हम क्षमता निर्माण, संयुक्त अभ्यास, संयुक्त सहकारी समुद्री गतिविधियों, हमारे अधिकारियों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आदान-प्रदान और रक्षा सहयोग के संदर्भ में हमने जिन सभी मानक तत्वों पर चर्चा करते हैं, उन पर चर्चा की है। हमने भारत के लिए अपने रक्षा उपकरणों के निर्यात के और अधिक अवसरों पर चर्चा की। मुझे लगता है कि हमने वास्तव में अनेक देशों को अनेक रक्षा हार्डवेयर उपकरणों का निर्यात किया है। फिलीपींस ने निश्चित रूप से और अधिक रक्षा उपकरणों के अवसरों का पता लगाने के लिए हमारे साथ काम करने में रुचि दिखाई है। हम जहाजों के दौरे, बहुपक्षीय प्रारूपों के अंतर्गत सहयोग पर भी चर्चा कर रहे हैं... हम अपने तटरक्षकों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा कर रहे हैं। इसलिए मूल रूप से हमारा उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना, दोनों पक्षों में समुद्री क्षेत्र के बारे में जागरूकता बढ़ाना, अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाना, आने वाले वर्षों में आपदा प्रतिक्रिया तत्परता बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना आदि है... हमने अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम की लागत-प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा कि उन्होंने वास्तव में अध्ययन किया है कि हमारा अंतरिक्ष कार्यक्रम कितना किफायती है और वह मौसम की भविष्यवाणी करने, कृषि में मदद करने, आपदा राहत में मदद करने के संदर्भ में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए हमारी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष क्षमताओं का उपयोग करना चाहते हैं।

दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में सचिव (पूर्व) ने कहा, बैठक में व्यापार में विविधता लाने, भारत और फिलीपींस के बीच व्यापार के लिए हमारे उत्पादों की श्रेणी का विस्तार करने और उन विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने के उद्देश्यों पर व्यापक चर्चा हुई जो भारत और फिलीपींस के बीच संभावित व्यापार वरीयता समझौते में योगदान दे सकते हैं। फिलीपींस ने आईटीजीए व्यापार समीक्षा में तेज़ी लाने के हमारे अनुरोध का भी समर्थन किया, जिसके बारे में हमें उम्मीद है कि यह वर्ष के अंत से पहले पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलीपींस में कनेक्टिविटी परियोजनाओं के विकास को लेकर प्रधानमंत्री ने भारत के गतिशक्ति कार्यक्रम का उल्लेख किया। भारत को फिलीपींस के विभिन्न द्वीपों में कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए हवाईअड्डों, बंदरगाहों एवं अन्य ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए सहयोग करने का प्रस्ताव किया गया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अभियान के बारे में कोई बात हुई, श्री कुमारन ने कहा, ट्रम्प टैरिफ के संबंध में अमेरिका द्वारा भारत या किसी अन्य देश पर लगाए गए टैरिफ पर कोई चर्चा नहीं हुई।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन बुधौलिया