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चंडीगढ़, 01 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद एवं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानाैत काे पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय से झटका लगा है। अदालत ने कंगना रनौत की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बठिंडा की अदालत में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की शिकायत को रद्द करने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ धारा 499 और 500 आईपीसी के तहत अभियोग बनता है, इसलिए मजिस्ट्रेट की ओर से जारी समन आदेश विधि सम्मत है।
यह विवाद एक ट्वीट को लेकर है, जिसे कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान पोस्ट किया था। उन्होंने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था, “हा हा हा, यह वही दादी हैं, जो टाइम मैगज़ीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के तौर पर आई थीं... और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं।” इस रीट्वीट में बठिंडा निवासी महिंदर कौर की तस्वीर लगी थी, जिन्होंने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें गलत तरीके से दिल्ली की शाहीन बाग प्रदर्शनकारी महिला से जोड़कर उनकी छवि को धूमिल किया गया।
मजिस्ट्रेट ने कंगना के खिलाफ समन जारी करते हुए माना था कि यह बयान महिंदर कौर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला है और एक सार्वजनिक हस्ती होने के नाते कंगना को अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए था। अदालत ने भी यह कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए समन जारी किया और रिपोर्ट न मिलने के बावजूद प्रक्रिया वैध रही।
कंगना की ओर से यह तर्क दिया गया था कि ट्वीट में उनके इरादे गलत नहीं थे और यह ट्वीट उन्होंने ‘गुड फेथ’ में किया था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। साथ ही यह दलील भी खारिज कर दी गई कि केवल कंगना के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई, जबकि मूल ट्वीट करने वाले गौतम यादव को शिकायत में शामिल नहीं किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा