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गोरखपुर, 30 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर ने चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। संस्थान में पहली बार कॉर्निया प्रत्यारोपण (पेनेत्रटिंग केरातोप्लास्टी) की सफल सर्जरी की गई। जिससे 75 वर्षीय दृष्टिहीन महिला को नई रोशनी प्राप्त हुई है।
यह उपलब्धि संस्थान की कार्यकारी निदेशक (डॉ.) विभा दत्ता के नेतृत्व और मार्गदर्शन में संभव हुई। महिला मरीज पिछले पाँच वर्षों से कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित थी। जो पूर्व की मोतियाबिंद सर्जरी की जटिलताओं के चलते उत्पन्न हुई थी। अब सर्जरी के पश्चात् उन्हें अगले 5 से 7 दिनों में दृष्टि लौटने की सम्भावना है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।
इस जटिल सर्जरी को एम्स गोरखपुर के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम द्वारा सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। टीम में डॉ. अलका त्रिपाठी, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. ऋचा अग्रवाल, डॉ. अमित सिंह, रेज़िडेंट डॉक्टर साक्षी, डॉ. निवेदिता, डॉ. शगुन, डॉ. मैत्रेयी तथा नर्सिंग ऑफिसर प्राची और दिव्या शामिल रहीं।प्रत्यारोपण के लिए कॉर्निया लायंस आई बैंक, वाराणसी से प्राप्त किया गया, जो देश में नेत्रदान के क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय