सावन के तीसरे गुरूवार को देवगुरू बृहस्पति का फलाें से श्रृंगार,दरबार में उमड़े श्रद्धालु
देवगुरू बृहस्पति भगवान का श्रृंगार


वाराणसी,31 जुलाई (हि.स.)। दशाश्वमेध स्थित देवगुरू बृहस्पति भगवान का सावन मास के तीसरे गुरूवार को परम्परागत रूप से विभिन्न फलों से शृंगार किया गया। तड़के भोर में 11 वैदिक ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देवगुरु के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक कर पूजन आरंभ किया। पुजारी अजय गिरी की देखरेख में मंगला आरती सम्पन्न हुई। आरती के पश्चात जैसे ही मंदिर के पट खोले गए, श्रद्धालुओं की कतारें दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़ीं। पीत वस्त्र धारण किए श्रद्धालुओं ने पीले फल और पुष्प अर्पित कर अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। पूर्वाह्न में मंदिर के पुजारियों संतोष गिरी और अभिषेक गिरी के नेतृत्व में देवगुरु के विग्रह को स्वर्ण मुखौटा, चांदी का छत्र और अष्टधातु के आभूषणों से सुशोभित किया गया। इसके पश्चात देवगुरु को उनके पूरे परिवार सहित झूले पर विराजमान कराया गया। झांकी देख श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। दिनभर मंदिर परिसर में भोग आरती और दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा। वहीं, पूर्वाह्न में ही रुद्राभिषेक का आयोजन भी किया गया। पुजारी संतोष गिरी ने बताया कि मंदिर परिसर और मुख्य द्वार को अशोक और कामिनी की पत्तियों, रंग-बिरंगे वस्त्रों एवं विद्युत झालरों से भव्य रूप से सजाया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी