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औरैया, 30 जुलाई (हि.स.)। धौलपुर स्थित कोटा बैराज से छोड़े गए पानी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर को पार कर गया। लगातार बढ़ रहे जलस्तर ने नदी के निचले और किनारे बसे 12 गांवों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पानी अधिक बढ़ने से नौरी और मई गांव का संपर्क मार्ग पूरी तरह कट गया है, जबकि बीहड़ पट्टी के अन्य 10 गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासन की ओर से बाढ़ की स्थिति पर निगरानी के लिए बीझलपुर बाढ़ राहत चौकी पर लेखपाल अखिल कुमार और समीक्षा सेंगर की तैनात किया गया है। वहीं ग्रामीण नदी किनारे बैठकर जलस्तर पर टकटकी लगाए हुए हैं।
जलस्तर 113.350 मीटर तक पहुंचा, कई गांवों पर संकट
बुधवार शाम करीब पांच बजे यमुना नदी का जलस्तर 113.350 मीटर पर पहुंच गया। नदी का पानी जुहीखा, गूंज, असेवा, असेवटा, रमपुरा, फरिहा, बीझलपुर, मिश्रपुर और सिखरना गांवों के किनारों तक पहुंच गया है। साल 2019 और 2021 की बाढ़ की त्रासदी से प्रभावित अस्ता, नौरी, क्योंटरा, भदौरा, मढ़ापुर समेत अयाना क्षेत्र के 12 गांवों पर भी संकट मंडरा रहा है।
नौरी गांव में स्वास्थ्य शिविर, दवा वितरण
स्वास्थ्य विभाग की टीम नाव से बुधवार शाम को नौरी गांव पहुंची। वहां शिविर लगाकर ग्रामीणों को दवाइयां वितरित की गईं। डॉक्टरों ने ग्रामीणों को आपदा की स्थिति में प्राथमिक उपचार देने के तरीके भी बताए।
सुरक्षा व्यवस्था और गश्त तेज
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए थानाध्यक्ष अजय कुमार अपनी टीम के साथ लगातार बाढ़ प्रभावित गांवों में गश्त कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत अधिकारी अरमान खान ने बताया कि सभी गांवों के बाहर सुरक्षित स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। यदि जलस्तर और बढ़ता है तो ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।उन्होंने बताया कि प्रशासन अलर्ट मोड पर है और बाढ़ राहत चौकियों से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार