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गुवाहाटी, 16 जुलाई (हि.स.)। राजधानी के जालुकबाड़ी इलाके के हज भवन के पीछे रेलवे विभाग और प्रशासन की संयुक्त पहल पर बुधवार को अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। रेलवे विभाग की ओर से बताया गया कि पिछले वर्ष इस इलाके की लगभग बीस बीघा ज़मीन असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) को सौंप दी गई थी। सरकार यहां एक अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बनाने की योजना पर काम कर रही है।
इस योजना को लागू करने के उद्देश्य से रेलवे विभाग ने जमीन खाली कराने का निर्देश दिया। पिछले वर्ष भी कुछ परिवारों को, जिन्होंने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा किया था, हटाया गया था। हालांकि, कुछ परिवारों ने अदालत का रुख किया और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को रुकवा दिया था।
बुधवार सुबह से प्रशासन ने दोबारा रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बसे 14 घरों को ढहा दिया।
पीड़ित परिवारों का आरोप है कि उन्होंने हाईकोर्ट से स्थगन आदेश (स्टे ऑर्डर) प्राप्त करने के लिए वकील की मदद ली थी और आवश्यक पैसे भी दिए थे। लेकिन अतिक्रमण हटाने के दिन सुबह से वकील का कोई पता नहीं मिला, जिससे वे निराश हो गए। उनका आरोप है कि प्रशासन ने किसी की बात नहीं सुनी और एक के बाद एक घरों को तोड़ना शुरू कर दिया।
अचानक की गई कार्रवाई को लेकर इलाके में हड़कंप मच गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुनर्वास की व्यवस्था किए बिना इस तरह से घरों को तोड़ना अमानवीय है।
प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर