Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

रायगढ़, 9 जून (हि.स.)। जिले का धर्मजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र जंगल में विभिन्न प्रजातियों के जंगली जानवरों की मौजूदगी को लेकर विख्यात है। जंगली जानवरों के अनुकूल जंगलों के कारण इस इलाके में हाथी, भालू, कोटरी, बंदर जैसे कई जानवरों सहित विभिन्न पशु पक्षियों का रहवास बना रहता है। ऐसे में जंगल से भटक कर इन जंगली जानवरों के रिहायशी क्षेत्रों में आने की संभावना बढ़ जाती है और पूर्व में भी ऐसी स्थिति कई बार देखने को मिली है। धर्मजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छाल वन परिक्षेत्र में आज सोमवार को एक ऐसा ही वाकया सामने आया है, जिसमें छाल क्षेत्र में एक गांव से सटे हुए इलाके में एक दुर्लभ वन्य जीव घायल अवस्था में पड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसके बाद एक स्थानीय निवासी ने उसे सुरक्षित स्थान पर रखवाया और स्थानीय वन अधिकारी को इसकी जानकारी दी। इस दौरान कुछ समय तक उसकी उचित देखभाल करने के बाद रेस्क्यू के अनुभवी एक्टिविस्ट की सलाह पर वन्य प्राणी को वन विभाग को सौंप दिया गया, जहां से उपचार के बाद उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। घने जंगलों के बीच धरमजयगढ़ क्षेत्र में वन्य जीवों की यह प्रजाति कभी कभार ही देखने को मिलती है। इस प्राणी की प्रजाति को लेकर अलग अलग दावे सामने आए, जिसमें कुछ लोगों ने इसे उड़न गिलहरी बताया वहीं वन विभाग के सूत्रों ने इसे कब्र बिज्जू प्रजाति का वन्य जीव बताया गया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान