पूर्व मंत्री महेश जोशी को जमानत नहीं, ईडी कोर्ट ने खारिज की अर्जी
पूर्व मंत्री महेश जोशी को जमानत नहीं


जयपुर, 13 जून (हि.स.)। ईडी मामलों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को जल जीवन मिशन के करीब 900 करोड़ रुपए के घोटाले से जुडे ईडी मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे पूर्व मंत्री महेश जोशी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने जोशी ओर से दायर जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

जमानत अर्जी में महेश जोशी की ओर से अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने कहा कि उसे केस में झूठा फंसाया गया है। एसीबी की एफआईआर और मामले में पेश चालान में उसका नाम नहीं है। ईडी ने मार्च, 2024 में उसे समन दिया था। जिसका जवाब ईडी को भेजा गया था। इसके बाद ईडी ने करीब एक साल तक कोई कार्रवाई नहीं की और पिछले दिनों उसे अचानक बुलाकर गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा ईडी ने अपनी रिपोर्ट में जिन 50 लाख रुपये का हवाला दिया है, वह जुलाई, 2023 में उसके बेटे की कंपनी ने लोन के रूप में लिए थे और उसे लौटाया जा चुका है। वहीं मामले में अन्य आरोपितों की पहले ही जमानत हो चुकी है। उससे कोई रिकवरी नहीं हुई है। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। इसका विरोध करते हुए ईडी की ओर से अधिवक्ता अजातशत्रु मीणा ने कहा कि मामले से जुडे सह आरोपियों के बयान में आया है कि जोशी तक रिश्वत राशि पहुंचाई जाती थी। वहीं आरोपितों की फर्म से जोशी के बेटे की फर्म को भी लाखों रुपये का भुगतान किया गया था। अभियोजन पक्ष के पास जोशी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

जोशी ने अदालत को बताई थी वेदना- गत सुनवाई को सुनवाई के दौरान महेश जोशी न्यायिक अभिरक्षा से अदालत में हाजिर हुए थे। जोशी ने अदालत को बताया था कि जेल प्रशासन उनकी गंभीर बीमारियों को सामान्य रूप में ले रहा है। वहीं जोशी की ओर से एसएमएस अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान संक्रमित होने की बात कही थी। इस पर पीठासीन अधिकारी खगेन्द्र कुमार शर्मा ने उनकी निजता को देखते हुए वहां मौजूद महिला अधिवक्ता को बाहर भेजते हुए कोर्ट स्टाफ की उपस्थिति में जोशी को जानकारी देने को कहा। इस दौरान जोशी की ओर से अदालत को अपनी बीमारी की जानकारी दी। गौरतलब है कि जल जीवन मिशन घोटाले में मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने महेश जोशी को गिरफ्तार किया था। इस दौरान जोशी की पत्नी के निधन होने के चलते कोर्ट ने उन्हें दो बार अंतरिम जमानत दी थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक