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भरतपुर, 13 जून (हि.स.)। भरतपुर जिले के उद्योगनगर थाना क्षेत्र के महंगाया गांव में आठ वर्ष पूर्व युवक की लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हत्या के मामले में शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-3 की अदालत ने 13 में से 12 आरोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ट्रायल के दौरान एक आरोपित की मौत हो चुकी थी। फैसले के दौरान दो दोषी अदालत में बेहोश हो गए।
सरकारी पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यह मामला महंगाया गांव निवासी विक्रम सिंह की हत्या से जुड़ा है। 6 मार्च 2017 की सुबह विक्रम सिंह नहाने के लिए गांव की बगीची जा रहा था। रास्ते में उसकी मुलाकात हरि प्रसाद से हुई, जिसके साथ कहासुनी हो गई। इसी दौरान हरि प्रसाद ने अपने हाथ में मौजूद दरांती से विक्रम के पेट पर हमला कर दिया। घटना के तुरंत बाद हरि प्रसाद के बेटे शिब्बा, कपिल, जितेंद्र और दिनेश मौके पर पहुंचे और अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर विक्रम की बेरहमी से पिटाई की। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे विक्रम के पिता करण सिंह और अन्य परिजनों ने घायल विक्रम को आरबीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस द्वारा की गई जांच, साक्ष्य और गवाहों के आधार पर अदालत ने 12 आरोपियों- शिब्बा, कपिल, जितेंद्र, दिनेश, प्रेमचंद, हर गोविन्द, महेश, रामचरण, रामवीर, भगवान सिंह, पिंटू और मुरारी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। गौरतलब है कि ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी हरि प्रसाद की मौत हो चुकी थी।
सजा पाए आरोपियों में चार सगे भाई शिब्बा, कपिल, जितेंद्र और दिनेश शामिल हैं। इसी तरह प्रेमचंद और हर गोविंद आपस में भाई हैं, जबकि महेश और भगवान सिंह भी सगे भाई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर