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गोरखपुर, 12 जून (हि.स.)। सक्रिय कानूनी सहायता संस्था एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (ए.पी.सी.आर) और लीगल ब्रिज एसोसिएट्स, गोरखपुर के संयुक्त प्रयासों से गोरखपुर जेल से दो गरीब कैदियों को रिहा कराया गया। दोनों कैदी आर्थिक तंगी और कानूनी जानकारी के अभाव में जेल में थे।
ए0पी0सी0आर0 और लीगल ब्रिज एसोसिएट्स ने जेल अधिकारी के अनुरोध पर मामलों को गंभीरता से लेते हुए निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराई और उनकी रिहाई सुनिश्चित की। लीगल ब्रिज एसोसिएट्स के संस्थापक एडवोकेट मोहम्मद राफे ने गोरखपुर जेल प्रशासन के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास न केवल कानूनी सहायता की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति हमारी संस्थाओं की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। कैदियों में एक कुशीनगर निवासी राजू कुमार यादव और दूसरा गोरखपुर के चौरी चौरा का निवासी राजू निषाद था। एपीसीआर की राज्य समन्वयक मीना सोनी ने बताया कि हमारी संस्था का उद्देश्य केवल न्याय दिलाना ही नहीं, बल्कि इंसाफ को सुलभ बनाना है।
जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डीके पाण्डेय ने संस्था की प्रशंसा की और कहा कि एपीसीआर ने अब तक पचास से अधिक गरीब कैदियों की निस्वार्थ भाव से मदद करके उन्हें जेल से रिहा कराया है। इस अवसर पर जेलर आलोक कुशवाहा के अलावा एडवोकेट परवेज आलम एवं एडवोकेट महमूदुर्रहमान भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय