सीएसए के वैज्ञानिकों ने 2570 गांवों के किसानों को तकनीकी खेती के सिखाए गुर : डॉ. आर के यादव
निदेशक प्रसार डॉ आर के यादव फोटो


कानपुर, 13 जून (हि. स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाए गए विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत नाै मई से 12 जून तक विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों के 45 वैज्ञानिकों की टीमों ने 2570 गांवों के किसानों से संवाद कर उनको खेती-बाड़ी के नव विकसित तकनीकों की बारीकियां समझाई। यह जानकारी शुक्रवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ आर के यादव ने दीं।

निदेशक प्रसार डॉ आर के यादव ने बताया कि इस अभियान में गठित टीमों में कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक, आईसीएआर वैज्ञानिक तथा कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित रहे। इस अभियान के द्वारा कृषकों को फसलों की जलवायु अनुकूल किस्में,धान की सीधी बुवाई, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रयोग, फसल विविधीकरण, कृषि में यंत्रीकरण एवं केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषक हितैषी योजनाओं की जानकारी दी गई।

डॉ. यादव ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत दिनांक तीन जून को प्रदेश के कृषि,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बिल्हौर के ग्राम सराय दस्तम में कृषकों को संबोधित किया था। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसानों से पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर तकनीकी खेती अपनाने व टिकाऊ खेती करने पर जोर दिया। साथ ही आठ जून को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ग्रीष्मकालीन मक्का फसल का हवाई सर्वेक्षण कर जनता महाविद्यालय अजीतमल औरैया में कृषकों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के किसान पहले दो फसलें ही उगाते थे ,परंतु आज तीसरी फसल ( ग्रीष्मकालीन मक्का) का प्रदेश में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में उत्पादन करके मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों के परिवर्तन का आधार है।

डॉ यादव ने बताया कि इस अभियान में जनपद रायबरेली में प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कृषकों को संबोधित कर कृषि में वैज्ञानिक तकनीके अपनाने की अपील की।

निदेशक प्रसार ने बताया कि इस अभियान में विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा 1898 कार्यक्रम कराए गए। जिसमें 2570 ग्रामों के 323109 कृषकों से संवाद कर उन्हें कृषि तकनीक की जानकारी दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद