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मीरजापुर, 13 जून (हि.स.)। शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम आईजीआरएस-जन सुनवाई समाधान पोर्टल के प्रति लापरवाह रवैया बरतना अब अधिकारियों को भारी पड़ने लगा है। मंडलायुक्त विन्ध्याचल मंडल बालकृष्ण त्रिपाठी ने जिला विद्यालय निरीक्षक मीरजापुर मायाराम को लापरवाही, शिथिलता और निर्देशों की अवहेलना के आरोप में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।
मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री संदर्भ संख्या 15199250078117, 14 मई 2025 को प्राप्त शिकायत को गंभीरता से न लेते हुए डीआईओएस ने 30 दिन तक उसे कार्यालय स्तर पर लम्बित रखा। इसके बाद भी जो आख्या पोर्टल पर अपलोड की गई, उसमें शिकायतकर्ता से संपर्क, साक्ष्य, और स्थल निरीक्षण जैसी बुनियादी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
जिलाधिकारी मीरजापुर ने उसी दिन डीआईओएस को कार्रवाई के निर्देश दे दिए थे। इसके बावजूद उन्होंने उदासीनता दिखाई। डिफाल्टर अवधि (12 जून) में अपलोड की गई आख्या में न केवल देरी थी, बल्कि दस्तावेजों में उनके हस्ताक्षर भी नहीं थे, जिससे प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं।
मंडलायुक्त ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक आईजीआरएस बैठक में दिए जा रहे निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि शासन की मंशानुरूप जन सुनवाई प्रणाली को प्राथमिकता देना अनिवार्य है।
बालकृष्ण त्रिपाठी ने मंडल और जनपद के सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जो भी अधिकारी आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों को समय से निस्तारित नहीं करेगा या कार्य में लापरवाही दिखाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा