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जम्मू, 9 मई (हि.स.)। भारत-पाक सीमा पर संघर्ष के चलते बेघर हुए लोगों को साहिब बंदगी आश्रम, मिश्रीवाला में पूर्ण रूप से शरण और सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। आश्रम में साहिब जी की ओर से इन प्रभावित परिवारों के लिए भोजन, आवास और अन्य आवश्यक वस्तुओं की समुचित व्यवस्था की गई है।
साहिब बंदगी पंथ का आपदा में जनसेवा का इतिहास रहा है। चाहे 2020 का कोरोना काल हो या अमरनाथ आंदोलन के दौरान महीनों तक जारी राहत कार्य — पंथ ने हर संकट की घड़ी में बिना किसी भेदभाव के पीड़ितों की सेवा की है। साहिब जी ने स्पष्ट किया कि “हम दिल से सेवा करते हैं। अगर एक साल तक भी हजारों लोगों को भंडारे चलाकर खाना खिलाना पड़े, तो भी पीछे नहीं हटेंगे।
आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने साहिब बंदगी आश्रम का दौरा किया और वहां रह रहे विस्थापितों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार जल्द ही उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी, जो उन्होंने संघर्ष के दौरान खो दी हैं। मुख्यमंत्री ने आश्रम में चल रही व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार भी हर संभव मदद करेगी। इस पहल ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि संकट की घड़ी में साहिब बंदगी पंथ आमजन के साथ खड़ा रहता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा