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ऊना, 12 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत के. शर्मा की पूज्य माता विद्या देवी, धर्मपत्नी स्वर्गीय मिलखीराम, का सोमवार सुबह लगभग चार बजे 90 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं और अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक परिवार व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को शांत चित्त से निभाती रहीं। उनके निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
स्व. विद्या देवी का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर वाद उनके पैतृक गांव ठठवाणी (तहसील भोरंज, जिला हमीरपुर) के श्मशान घाट में पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चारण व वैदिक रीति से संपन्न हुआ। अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता, परिजन, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न विभागों के गणमान्य लोग पहुंचे और नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।स्व. विद्या देवी न केवल एक धर्मपरायण और साधना में रत महिला थीं, बल्कि उन्होंने सामाजिक जीवन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। उनका सहज, शांत व ममतामयी स्वभाव समाज में प्रेरणा का स्रोत रहा।
वे अपने पीछे तीन पुत्र, दो पुत्रियाँ तथा एक सुसंस्कृत और एकजुट परिवार छोड़ गई हैं। उनके निधन पर शिक्षा, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सभी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक-संतप्त परिवार को यह वियोग सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
उधर उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत के. शर्मा ने अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि माता जी उनके जीवन की प्रेरणा और सदा मार्गदर्शक रहीं। उनका आशीर्वाद ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति देता रहा। उन्होंने कहा कि मां का जाना व्यक्तिगत रूप से अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके द्वारा दिए गए संस्कार हमेशा उनका एवम उनके परिवार का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल