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नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली में बढ़ते कचरे के निस्तारण को लेकर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। निगम अब 361.42 करोड़ रुपये की कुल लागत से 5100 मीट्रिक टन प्रतिदिन की क्षमता वाले चार नए ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र लगाने जा रहा है। ये संयंत्र भलस्वा, सिंघोला, नरेला-बवाना और ओखला में स्थापित किए जाएंगे।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि इन संयंत्रों के चालू हो जाने के बाद प्रतिदिन उत्पन्न होने वाला ताजा कचरा अब लैंडफिल साइटों पर नहीं डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान में दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 11,500 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जिसमें से करीब 6,550 टन कचरे का प्रसंस्करण नरेला-बवाना, ओखला, तेहखंड और गाजीपुर स्थित संयंत्रों में होता है। शेष लगभग 4,700 टन कचरा भलस्वा, ओखला और गाजीपुर की लैंडफिल साइटों पर डाला जाता है।
नगर निगम ने 2019 से पुराने कचरे की बायोमाइनिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत भलस्वा लैंडफिल साइट पर 25 एकड़, ओखला साइट पर 10 एकड़ और सिंघोला में लगभग 7.2 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त किया गया है।
महापौर ने बताया कि इन परियोजनाओं के प्रस्तावों को निगम द्वारा मंजूरी दे दी गई है और इन संयंत्रों के विकास के लिए निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं। लगभग 6 महीने के भीतर ये संयंत्र चालू हो जाएंगे, जिसके बाद दिल्ली की लैंडफिल साइटों पर नया कचरा डालने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा है नगर निगम का यह कदम दिल्ली को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास माना जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी