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--शिकायतकर्ता राम सरन भी तलब
प्रयागराज, 28 अक्टूबर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एस एस पी गोरखपुर को निर्देश दिया है कि अवैध रूप से निरूद्ध राम केवल पुत्र विपत को पेश करें एवं शिकायतकर्ता राम सरन भी 31 अक्टूबर को दो बजे हाजिर हो।
याची राम केवल की बहन ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि आरोप राम केवल पुत्र राम किशुन पर है। किंतु याची जो विपत का पुत्र है गलत पहचान के कारण अवैध रूप से नजरबंद किया गया है। उसकी रिहाई की जाय।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर तथा न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने राम केवल की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
चितौना गांव के राम सरन ने राम केवल पुत्र राम किशुन पर आरोप लगाते हुए खोराबार थाने में एफआईआर दर्ज कराई कि उसने अपने को विपत पुत्र बताकर 24 फरवरी 23 को जमीन का बैनामा कर धोखाधड़ी की है। पुलिस ने असली आरोपित के बजाय शिकायतकर्ता के चाचा को गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट ने आदेश की प्रति सी जे एम गोरखपुर के जरिए एस एस पी गोरखपुर, एस एच ओ खोराबार व एस एच ओ गगहा को अनुपालनार्थ भेजने का निर्देश दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे