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--कोर्ट ने कहा भवन सम्पत्ति नगर निकाय की
प्रयागराज, 28 अक्टूबर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुरादाबाद स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय खाली कराने के मामले में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जिलाधिकारी के सपा कार्यालय खाली करने के आदेश को रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरिंदम सिंन्हा तथा न्यायमूर्ति सत्यवीर सिंह की खंडपीठ ने सपा नेता जयवीर सिंह की याचिका पर दिया है। मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित सपा कार्यालय को नगर निगम की नजूल जमीन पर बने होने का दावा करते हुए जिला प्रशासन ने दो सप्ताह में कार्यालय खाली करने की नोटिस जारी किया था। कहना था कि सरकारी सम्पत्ति को अधिकतम 15 साल के लिए ही किराए पर दिया जा सकता है। जबकि सपा पिछले 31 वर्षों से भवन का कार्यालय के रूप में प्रयोग कर रही है। जिलाधिकारी ने सपा कार्यालय का आवंटन रद्द कर खाली करने की नोटिस जारी की थी। जिसे चुनौती दी गई थी।
याची अधिवक्ता विनीत विक्रम ने दलील दी कि सम्पत्ति का मालिक नगर निगम है। नगर निगम स्वयं एक स्वतंत्र निकाय है। ऐसे में डीएम को नोटिस जारी करने का विधिक अधिकार नहीं है। इसलिए गैर कानूनी बेदखली नोटिस रद्द किया जाए। शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि सम्पत्ति राज्य की है और नगर निगम उसका संरक्षक है। ऐसे में जारी नोटिस में कोई विधिक त्रुटि नहीं है।
कोर्ट ने जिलाधिकारी की कार्यवाही को क्षेत्राधिकार से बाहर मानते हुए जारी नोटिस रद्द कर दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे