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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली विधान सभा 30 अक्टूबर को “सरदार वल्लभभाई पटेल और भारत के एकीकरण में उनके अमूल्य योगदान” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन कर रही है। यह आयोजन भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके अद्वितीय राष्ट्र-निर्माण कार्यों को स्मरण और नमन करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल होंगे। दिल्ली कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे तथा स्वराज आश्रम, बारडोली (गुजरात) की प्रशासक निरंजनाबेन कालारथी विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लेंगी।
गुप्ता ने आगे बताया कि विधानसभा परिसर में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में सरदार पटेल के जीवन और योगदान से जुड़ी दुर्लभ अभिलेखीय तस्वीरें, स्मारक सिक्के, डाक टिकट, पुस्तकें एवं ऐतिहासिक दस्तावेज प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रदर्शनी का उद्देश्य उस महान नेता की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाना है, जिन्होंने जन-प्रतिरोध को राष्ट्रनिर्माण में और अपने दूरदर्शी विचारों को स्थायी संस्थानों में परिवर्तित किया। प्रदर्शनी से आगंतुकों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि किस प्रकार सरदार पटेल ने रियासतों के एकीकरण और आधुनिक भारत की लोकतांत्रिक नींव को सुदृढ़ करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
दिल्ली विधानसभा भारत की गौरवशाली विरासत और उसके महान नेताओं के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है। ऐसे आयोजन न केवल राष्ट्रीय एकता और अखंडता के मूल्यों को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि यह भी स्मरण कराते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्श, एकता, सुशासन और राष्ट्रनिष्ठा आज भी हमें एक सशक्त, समरस और प्रगतिशील भारत के निर्माण हेतु प्रेरित करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा